नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): केंद्र सरकार ने सेना की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए मिशन अग्निपथ का ऐलान किया है। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही तीनों सेना प्रमुख भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्रालय ने सेना भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। सेना भर्ती के लिए सरकार की ओर से ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ को लॉन्च किया गया है। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि, इसके तहत सेना में चार साल के लिए अग्निवीरों यानी युवाओं की भर्ती की जाएगी। सरकार की ओर से यह कदम सेना की औसत उम्र कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रक्षामंत्री के मुताबिक इस समय सेना की औसत उम्र 32 साल है, जिसे अगले कुछ सालों में 26 साल करने का प्रयास किया जाएगा। यह योजना रक्षा बलों के खर्च और आयु प्रोफाइल को कम करने की दिशा में सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा मानी जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ सिंह के साथ ही तीनों सेना प्रमुख आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना चीफ एडमिरल आर हरि कुमार भी मौजूद रहे।
केंद्र सरकार की ओर से लॉन्च की गई यह स्कीम खास देश की सेवा करने वाले युवाओं के लिए शुरू की गई है।इस योजना के तहत देश के युवा 4 साल के लिए सेना में भर्ती होंगे. इसके साथ ही योजना में शॉर्ट टर्म सर्विस के लिए युवाओं की नियुक्ति की जाएगी।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए है। अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवा चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे। चार साल के अंत में लगभग 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी।
केवल 25 फीसदी जवानों को चार साल बाद भी मौका मिलेगा। हालांकि यह तभी संभव होगा जब उस समय सेना की भर्तियां निकली हों। चार साल के बाद, अग्निवीर रेगुलर कैडर के लिए अप्लाई कर सकते हैं। सेना एक बैच के अधिकतम 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस देगी। अगर अग्निवीर एयरफोर्स या नेवी जॉइन करने का फैसला करते हैं तो उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाएगी।
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कई निगम ऐसे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं के लिए नौकरी आरक्षित करने में भी रुचि लेंगे जिन्होंने देश की सेवा की है।योजना के तहत सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं को नई तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले साल अग्निवीरों को करीब 4.76 लाख रुपये का सैलरी पैकेज मिलेगा। हर साल इसमें इजाफा होगा। चौथे साल में वेतन बढ़कर करीब 6.92 लाख रुपये हो जाएगा।
सेवा निधि फंड के लिए अग्निवीरों की मासिक सैलरी का 30% काटा जाएगा। इतनी ही रकम सरकार जमा करेगी। चार साल की सर्विस के बाद ‘सेवा निधि’ में जमा रकम ब्याज सहित मिल जाएगी जो करीब 11.71 लाख रुपये बैठेगी। सभी अग्निवीरों का 48 लाख रुपये का नॉन-प्रीमियम इंश्योरेंस कवर होगा। ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि मिलेगी। इसके अलावा, परिवार को सेवा निधि सहित चार सालों तक सेवा न किए गए हिस्से का भी भुगतान किया जाएगा।
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अगर दिव्यांग हुए तो? जितने प्रतिशत अक्षमता होगी, उसके आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। 100% अक्षमता पर 44 लाख रुपये, 75% अक्षमता पर 25 लाख रुपये और 50% अक्षमता पर 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है। वहीं, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने जानकारी दी कि अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं को भी सशस्त्र सेनाओं में शामिल किया जाएगा।
योजना के तहत इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। माना जा रहा है कि रक्षा सेनाओं में अति-अल्पकालीन भर्ती की आवश्यकता कोरोना महामारी के चलते रूकी रही भर्ती प्रक्रियाओं और इस दौरान रिक्त हुए पदों पर शीघ्र भर्ती के उद्देश्य से की जा रही है। अकेले भारतीय थल सेना से हर वर्ष लगभग 60 हजार सेवानिवृत्तियां होतीं हैं। इन पदों पर पिछले दो वर्षों में सेना द्वारा कोई बड़ी भर्ती प्रक्रिया का आयोजन नहीं किया जा सकता है। थल सेना में वर्ष 2019-20 के दौरान करीब 80 हजार से अधिक जवानों की भर्ती हुई थी।
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