नई दिल्ली (विनय सिंह की रिपोर्ट)– 140 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के आसपास बसी 48000 झुग्गियों को हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कांग्रेस नेता अजय माकन ने चुनौती दी है। माकन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि बिना किसी वैकल्पिक इंतजाम के इनको हटाना सही नहीं है।
पूर्व जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा दिल्ली और आसपास के इलाकों में 48000 झुग्गियां जो रेलवे पटरियों के पास बसी हैं, हटाए जाने के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता अजय माकन ने चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अजय माकन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चूंकि झुग्गियों को हटाने का निर्देश बिना किसी प्रतिनिधि को सुनें दिया गया था इसलिए इसे बरकरार रखा नहीं जा सकता है।
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पूर्व केंद्रीय आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री अजय माकन ने अपनी याचिका में कहा है कि अगर वर्तमान महामारी के बीच बस्तियों को हटाया जाता है तो तकरीबन ढाई लाख से अधिक लोग आश्रय और जीविका की तलाश में शहर में घूमने के लिए मजबूर होंगे।
याचिका में यह भी कहा गया है कि इन बस्तियों में बसे हुए लोगों को दिल्ली में रहने का हक है और किसी को भी वैकल्पिक जगह दिए बिना उजाड़ा नहीं जाना चाहिए। आपको बता दें कि 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के भीतर दिल्ली और आसपास के इलाकों में लगभग 140 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के आसपास की तकरीबन 48000 झुग्गी झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि कोई भी अदालत झुग्गी झोपड़ियों को हटाने पर स्टे ना दें।
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