(प्रदीप कुमार): कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद भी पार्टी में उठापटक थमती नजर नहीं आ रही है। अब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भपेंद्र सिंह हुड्डा की आजाद से मुलाकात को लेकर हरियाणा कांग्रेस में बड़ा बवाल मच गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाने के बाद पार्टी से इस्तीफा देने वाले आजाद से भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाल में मुलाकात की थी। इस दौरान आंनद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण भी आजाद से मिले। तीनो नेताओ ने मौजूदा सियासी हालात पर लंबा मंथन किया था।
अब गुलाम नबी आजाद से हुड्डा की इस मुलाकात पर हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कड़ी आपत्ति जताई है। हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हुड्डा की पार्टी छोड़ चुके आज़ाद से हुई मुलाक़ात का पार्टी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा। किसी भी वफादार कांग्रेसी से पार्टी को तोड़ने की कोशिशों की उम्मीद नहीं की जा सकती।
कुमारी शैलजा ने इशारों इशारों में पार्टी हाईकमान से मांग की है कि इस मामले में हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी करके उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए।जानकारी के मुताबिक कुमारी शैलजा ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल से हुड्डा की शिकायत करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कुमारी शैलजा ने हाईकमान को याद दिलाया कि आजाद ने राहुल गांधी पर बड़े आरोप लगाने के बाद पार्टी से इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाने की घोषणा भी कर डाली है। शैलजा ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे माहौल में आजाद से हुड्डा की मुलाकात का क्या मतलब है।
इधर कुमारी शैलजा के इस हमले का भपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी जवाब दिया है। शैलजा की आलाकमान को चिट्ठी पर भपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसी के चिट्ठी लिखने या कुछ बोलने का सवाल है इसको लेकर तो मैं कुछ नहीं कह सकता, कई बार लोग फ्रस्ट्रेशन में ऐसा कहते हैं,कई बार स्वार्थ के लिए भी ऐसा कह देते हैं। लेकिन जहां तक मेरा सवाल है, मैं साफ कर देना चाहूंगा कि मैं हमेशा कांग्रेस में था और गांधी परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहा हूं।
हुड्डा ने कहा है कि गुलाम नबी आजाद उनके पुराने दोस्त हैं। दोस्ती के नाते मुलाकात होती रहती है। पहले भी वह सबसे मिलते रहे हैं। आजाद ने अचानक कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और उसके बारे में हमें कुछ नहीं बताया था। हम लोगों ने आजाद से मिलकर इसकी वजह पूछी थी। दरअसल हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा और कुमारी शैलजा का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। कुमारी शैलजा के हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान हुड्डा लगातार उनके खिलाफ मोर्चा खोले रहे। हुड्डा के दबाव बनाने की वजह से ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने पर मजबूर हुई थीं।
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तब शैलजा की जगह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था। अब हुड्डा की आजाद से मुलाकात के कारण कुमारी शैलजा को भी जवाबी हमला करने का बड़ा मौका मिल गया है।
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