नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 लोकसभा में पेश किया गया। महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बिल को पेश किया। इस बिल में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किये जाने का प्रावधान है। अब इस विधेयक को आगे के विचार-विमर्श और जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि वह भी सरकार से गुजारिश करना चाहती हैं कि इस बिल को स्टैंगिंड कमेटी के पास विचार के लिए भेजा जाए। इससे पहले विपक्षी नेताओं ने इस बिल का विरोध किया। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार को सलाह दी कि हड़बड़ी में बहुत गड़बड़ी होती है। इस बिल पर सरकार ने किसी स्टेक होल्डर से बात नहीं की, न ही स्टेट से बात हुई और अचानक से बिल लाया जा रहा है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि सरकार अचानक से बिल क्यों लाती है। इससे सरकार के इरादे साफ होते हैं। हमारी मांग है कि ये बिल स्टैंडिंग कमेटी को तुरंत रेफर किया जाए। टीएमसी सांसद सौगत राय ने भी कहा कि यह बिल बहुत जल्दी में लाया गया है। स्टेकहोल्डर को इसपर विचार या जाना चाहिए था।अल्पसंख्यक इस बिल के खिलाफ हैं।
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लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने से जुड़ा बिल लोकसभा में पेश करने पर, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह लगातार दूसरी या तीसरी बार है, बड़े ही आक्रामक तरीके से बिल लाए जा रहे हैं और विपक्ष से किसी से भी सलाह नहीं ली जाती है।
सुप्रिया सुले ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति Advisory में जो भी चर्चा होती है, उसे सदन में कभी लागू नहीं किया जाता। सरकार द्वारा लाई जा रही इस नई प्रथा की मैं निंदा करती हूं।
लोकसभा में बाल विवाह निषेध संशोधन बिल 2021 का विरोध करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है, जो आर्टिकल 19 के तहत आता है। 18 साल का व्यक्ति पीएम चुन सकता है, लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकता है, लेकिन शादी नहीं कर सकता। उसे शादी करने का अधिकार नहीं है।
ओवैसी ने यह भी कहा कि भारत में महिला श्रम शक्ति की भागीदारी सोमालिया से भी कम है ‘बटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का 89 प्रतिशत फंड मोदी की पब्लिसिटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह बिल वापस लेना चाहिए।
इधर वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने वाला चुनाव सुधार से जुड़ा विधेयक राज्यसभा से भी पारित हो गया। कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में ‘चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021’, विचार और पारित करने के लिए पेश किया। बीते कल यह विधेयक विपक्ष के भारी हंगामे के बावजूद लोकसभा से भी पारित हो गया था।
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