नई दिल्ली (रिपोर्ट- विश्वजीत झा): दिल्ली में प्रदूषण पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। प्रदूषण बढ़ते ही दिल्ली सरकार एक के बाद एक घोषणाएं कर रही है और अभियान चला रही है पर दूसरी ओर बीजेपी ने प्रदूषण को लेकर सरकार की गंभीरता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली में सर्दी की आहट के साथ प्रदूषण पर हाय तौबा शुरू हो गई है। सरकार एक के बाद एक बैठक कर रही है। अभियान चला रही है। पराली से खाद्य बनाने का काम चल रहा है। इस बीच आरोप प्रत्यारोप भी लग रहे हैं कि प्रदूषण दिल्ली का है या बाहर का। यानी सरकार इसपर गंभीरता दिखाने के कोई कसर नहीं छोड़ रही। पर दूसरी ओर बीजेपी ने एक आरटीआई के हवाले से सरकार की गंभीरता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
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बीजेपी नेता हरीश खुराना ने दावा किया है कि सरकार प्रदूषण पर भले ही हो हल्ला हल्ला मचा रही हो पर पिछले 1 साल में प्रदूषण के बजट का सिर्फ 6.8 फ़ीसदी खर्च कर सकी। जबकि इससे कई गुना ज्यादा विज्ञापन पर खर्च कर दिए।
हालांकि पिछले एक डेढ़ महीने में दिल्ली सरकार ने पर्यावरण पर कई बड़े फैसले किए है। इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी। ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी के अलावा पराली के समाधान के लिए पूसा डी कंपोजर के छिड़काव का अभियान और रेड लाइट पर गाड़ी ऑफ करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। पर गौर करने की बात यह है कि यह तमाम अभियान हाल ही में शुरू किए गए हैं।