केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध के बीच भारतीय किसान संघ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अपनी कार्यकारी परिषद की घोषणा की, जिसके तीन महीने बाद चुनावी राज्य में इसे भंग कर दिया गया।
बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि मुजफ्फरनगर मुख्यालय वाले प्रभावशाली किसान संगठन ने 12 जुलाई को उत्तर प्रदेश में अपनी सभी इकाइयों को भंग कर दिया था।
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बीकेयू की यूपी इकाई के अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन को छोड़कर अन्य सभी पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया।
जादुआं ने शुक्रवार को मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, कानपुर, बस्ती, देवीपाटन, वाराणसी और इलाहाबाद संभाग के अध्यक्षों के नामों की घोषणा की। उन्होंने इन संभागों के जिलों के अध्यक्षों के नामों की भी घोषणा की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व में बीकेयू, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा है, जो पिछले साल बनाए गए केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
कानूनों को निरस्त करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर नवंबर 2020 से दिल्ली के सीमावर्ती सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में सैकड़ों किसान डेरा डाले हुए हैं।
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