अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार ने 2.65 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने का ऐलान किया

नई दिल्‍ली🙁प्रदीप कुमार )- कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार ने 2.65 लाख करोड़ रुपये का एक और राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है ताकि नये रोजगार का सृजन हो सके।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 12 घोषणाएं की गयी हैं। इसमें कॉरपोरेट से लेकर किसान तक, रियल एस्टेट से लेकर परेशान सेक्टर तक सबको राहत देने की कोशिश की गई है

 

वित्त मंत्री ने कहा कि आज का पैकेज कुल 2,65,080 करोड़ रुपये का है। अब तक सरकार कुल चार बार कुल 29,87,641 करोड़ रुपये का पैकेज दे चुकी है। यह जीडीपी का करीब 15 फीसदी है। इसमें सरकार का खर्च जीडीपी का 9 फीसदी है और बाकी रिजर्व बैंक का है।

 

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 3 के लक्ष्य हैं कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठायें।

 

ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे और उनकी तनख्वाह 15 हजार से कम है तो उनको इस योजना का लाभ मिलेगा। जो लोग अगस्त से सितंबर तक नौकरी में नहीं थे, लेकिन उसके बाद पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।

 

सरकार दो साल तक 1000 तक की संख्या वाले कर्मचारियों वाले संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी। यह 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगा। 1000 से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में नए कर्मचारी के 12 फीसदी पीएफ योगदान के लिए सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी। इसमें करीब 95 फीसदी संस्थान आ जाएंगे और करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा।

 

इसी के साथ केंद्र सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम ECLGS स्कीम की डेट बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी है। वित्तमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभ उठाया है।

 

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कामत समिति की सिफारिश के आधार पर 26 परेशान सेक्टर की पहचान की गयी है। इनके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। इन सेक्टर के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम 2.0 शुरू की जा रही है. इसका फायदा एमएसएमई सेक्टर को भी मिलेगा।

 

इसमें 50 करोड़ से 500 करोड़ रुपये तक की कर्जधारक कंपनियों को एक साल तक का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यह योजना 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी।

 

इसके अलावा पीएम शहरी आवास योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे कुल 30 लाख मकानों को फायदा होगा। यह बजट में घोषित 8 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा। इसमें 78 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

निर्माण और बुनियादी ढांचा सेक्टर की कंपनियों को अब कॉन्ट्रैक्ट के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के रूप में 5 से 10 फीसदी की जगह सिर्फ 3 फीसदी रकम रखनी होगी। यह राहत अगले साल यानी 2021 की 31 दिसंबर तक मिलेगी।

 

इसी के साथ पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था होगी।इसका इस्तेमाल मनरेगा या ग्राम सड़क योजना के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा भी कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं इनमें कोविड टीके पर रिसर्च के लिए 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी शामिल हैइसके लिए फंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग को मिलेगा। यह कोविड टीके के लिए नहीं, बल्कि उसके बारे में रिसर्च के लिए होगा। कोविड टीके का खर्च अलग होगा।

 

किसानों को उर्वरक सब्सिडी देने के लिए 65 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। सरकार एनआईआईएफ के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपये इक्विटी के रूप में निवेश करेगी।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है। मूडीज ने भी भारत की रेटिंग में सुधार किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है

 

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