हरियाणा के लिए बड़ी खुशखबरी रंग ला रही बेटी बचाने की मुहिम

Prime Minister Narendra Modi, हरियाणा के लिए बड़ी खुशखबरी रंग ला रही बेटी.....

चरखी दादरी (प्रदीप साहू): बेटियां भी कुल और गांव का नाम रोशन कर सकती हैं। इसलिए उन्हें कोख में ही नहीं खत्म करना चाहिए। इन्हीं संदेशों ने चरखी दादरी जिला के 64 गांवों की तस्वीर बदली और प्रदेश व दूसरे गांवों के लिए मिसाल पेश की। ये सब वो गांव हैं जिनमें जागरुकता के कारण पिछले 9 महीने में लिंगानुपात एक हजार के पार पहुंच गया। वहीं नौसवा ऐसा गांव है जहां बेटों के मुकाबले इस साल आठ गुना अधिक बेटियां जन्मी हैं। जो अन्य गांवों के लिए नजीर पेश की है।

हरियाणा प्रदेश के लोगों की लिंगभेद को लेकर सोच में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। अब हरियाणा प्रदेश के निवासी बेटे व बेटियों में कोई अंतर नहीं कर रहे हैं। इसी के चलते हरियाणा प्रदेश के औसत लिंगानुपात मे 20 अंक का सुधार आया है। चरखी दादरी जिले के 64 गांवों ने प्रदेश और देश के अन्य गांवों के लिए एक मिसाल पेश की है। ये वो गांव हैं जिनमें जागरूकता के कारण पिछले 9 माह में लिंगानुपात एक हजार को पार कर चुका है। दादरी जिले का नौसवा एक ऐसा गांव है जहां बेटों के मुकाबले इस साल आठ गुना अधिक बेटियां जन्मी हैं। लिंगानुपात में जिले के 18 गांवों में ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यहां आंकड़े 500 से नीचे हैं, उनमें जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं।

चरखी दादरी जिला के प्रशासन, स्वास्थ्य अधिकारियों, शिक्षा विभाग आंगनबाड़ी वर्कर के प्रयासों के चलते जहां दादरी लिंगानुपात के मामले में फिसड्डी होता था, अब वह पहले स्थान पर पहुंचने की सीढी तक आ गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से सितंबर 2022 तक जिले में कुल 3961 बच्चों ने जन्म लिया है। इनमें 2054 लडक़े और 1907 लड़कियां हैं। इस साल सितम्बर माह तक जिले का लिंगानुपात 928 है। पिछले पांच सालों की तुलना में दादरी जिले का लिंगानुपात डेढ़ गुना बढ़ा है। पिछले वर्ष जिले का लिंगानुपात 905 था और प्रदेश में दादरी जिला दूसरे नंबर पर रहा था। जिले के गांव नौसवा में जनवरी से सितंबर तक एक बेटा और आठ बेटियां जन्मी हैं। यहां लिंगानुपात 8000 है। अख्त्यारपुरा में एक बेटा और छह बेटियां जन्मी हैं। छिल्लर में इस साल दो बेटे व सात बेटियां जन्मी हैं। गोविंदपुरा, बिंद्रावन व हड़ौदा खुर्द में इस साल लिंगानुपात जीरो है। तीनों गांवों में गत 9 माह में एक-एक लडक़े ने जन्म लिया है, जबकि लडक़ी एक भी पैदा नहीं हुई।

Read also:राजधानी दिल्ली में खूनी खेल ,जहांगीरपुरी इलाके में मामूली कहासुनी में युवक की हत्या

खेड़ी बूरा में लिंगानुपात 471, सांवड़ में 467, सौंप में 455, कासनी में 444, मंदोली में 438, बडेसरा, विकास नगर और पिचोपा कलां में 333, काकड़ोली में 286, मोरवाला, भारीवास, सिरसली और मांढी केहर में 250, मांढी हरिया में 222 और कारीदास में 111 है। वहीं, गोविंदपुरा, बिंद्रावन और हड़ौदा खुर्द में लिंगानुपात जीरो है। लिंगानुपात बढ़ाने के प्रयास जारी, फील्ड में उतरी टीमें महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ गीता सहारण ने बताया कि वर्ष 2021 के मुकाबले 2022 में जिले के लिंगानुपात की स्थिति सुधरी है। पिछले वर्ष जहां लिंगानुपात 905 था जो 2022 में सितंबर तक 925 है। जिन गांवों में लिंगानुपात काफी कम है, उन पर विभाग का फोकस रहेगा। विभाग द्वारा विशेष टीमें फील्ड में उतारी गई हैं। इन गांवों में जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियां करवाई जाएंगी।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *