नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने सेवा चयन बोर्ड केंद्रों के जरिए सेना में अफसरों की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार को लेकर 23 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें 17 सैन्यकर्मी शामिल हैं।
जिन सैन्यकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें 5 लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अफसर, दो मेजर, मेजर के एक रिश्तेदार, एक पत्नी समेत कुछ नायब सूबेदार, हवलदार और सिपाही रैंक के कर्मी शामिल हैं।
यह मामला रिश्वत मांगने और रिश्वत दिलाने के आरोपों में दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने सोमवार को पूरा दिन कथित सेना भर्ती घोटाले के सिलसिले में सेना के कई प्रतिष्ठानों पर तलाशी ली।
कई रक्षा अधिकारियों, सेना अस्पतालों और छावनियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की भी तलाशी ली गई। अधिकारियों ने बताया कि 13 शहरों में 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया,जिसमें कपूरथला, बठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुवाहाटी, जोरहाट और चिरंगो शामिल हैं।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कई भ्रामक दस्तावेजों की बरामदगी की गई है। तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है।
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केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस संबंध में रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक अनुशासन और सतर्कता, ऑफिस से मिली एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
दरअसल, सीबीआई ने ब्रिगेडियर वीके पुरोहित की शिकायत पर यह कार्रवाई की है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 28 फरवरी 2021 को जानकारी मिली कि नई दिल्ली के बेस अस्पताल में अस्थाई तौर पर खारिज किए गए अधिकारी अभ्यर्थियों की समीक्षा चिकित्सा परीक्षा को पास कराने के लिए सेवारत कर्मी कथित रूप से रिश्वत लेने में शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान फिलहाल अध्ययन अवकाश पर हैं और नायब सुबेदार कुलदीप सिंह एसएसबी केंद्रों में संभावित अधिकारी अभ्यर्थियों से रिश्वत मांगने में कथित रूप से शामिल है।
31 एसएसबी केंद्र उत्तर के लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह, 6 माउंटेन डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट के लेफ्टिनेंट कर्नल वाईएस चौहान, भर्ती महानिदेशालय के लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा, लेफ्टिनेंट कर्नल विनय, जीटीओ, चयन केंद्र दक्षिण, बेंगलुरु और मेजर भावेश कुमार ने कथित रूप से अभ्यर्थियों के चयन में मदद की।
लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह और मेजर भावेश कुमार ने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से 10-15 अभ्यर्थियों से रिश्वत की अघोषित राशि प्राप्त की थी।
अधिकारियों के अनुसार, मेजर भावेश कुमार की पत्नी देवयानी, उनके पिता सुरेंद्र कुमार और मां ऊषा कुमावत को पैसे लेने के आरोप में प्राथमिकी में नामज़द आरोपी बनाया गया है।
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