छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार हो रही बारिश से इंद्रावती, शबरी, गोदावरी, संकनी व डंकनी नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है।
बस्तर संभाग में कई दिनों से हो रही बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त है। बस्तर संभाग मुख्यालय का संर्पक राजधानी से टूट चुका है। सुकमा जिला टापू बना हुआ है। जगह-जगह बचाव कार्य किया जा रहा है।
इंद्रावती, शबरी , गोदावरी, संकनी – डंकनी ,सभी नदिंया खतरे के निशान से उपर बह रही है। जानकारी के अनुसार, बस्तर जिले में इंद्रावती नदी का जल स्तर खतरे के निशान से उपर है जिसके चलते इंद्रावती के करीब बसे आसपास गांवो में फंसे बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविर पहुंचाया जा रहा है।
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जगदलपुर , रायपुर मार्ग पर नांरगी नदी काकडी घाट का पानी मुख्य मार्ग पर सात फीट पानी उपर चल रहा है, जिसके चलते संभाग मुख्यालय का संपर्क राजधानी से टूट चुका है। बचाव कार्य अभी शुरु किया गया है।
सुकमा जिले में शबरी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा है जिसके चलते सुकमा जिला टापू बन चुका और सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट चुका है।
सुकमा-जगदलपुर, सुकमा-कोंटा, सुकमा-दंतेवाड़ा तथा ओडिसा-आंध्र में आवागमन बाधित हुआ है जिसके चलते सैकड़ों की तादात में वाहन फंसे हुए हैं। सुकमा नगर मेें कई फीट पानी भर जाने से लोगों को पहुंचाने के लिए मुख्य मार्ग पर नाव चलाया जा रहा है।
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केन्द्रीय सुरक्षा कैम्प को कल देर रात खाली कराया गया। जिला कार्यालय मार्ग पर भी जल स्तर बढ़ा हुआ है। इधर, बीजापुर जिले में नदी नाले उफान पर होने के कारण इसमें हजारों लोग फंस गए हैं। इलाके में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
वहीं, एसडीआरएफ के बचाव दल ने मिनगाचल नदी के बाढ़ में फंसे 22 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर निकाला। जानकारी के मुताबिक, 20 अगस्त को दोपहर में बाढ़ आपदा बचाव के तहत एसडीआरएफ ने बीजापुर तहसील में फंसे 22 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला।
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कलेक्टर बीजापुर रितेश अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र या उफान वाले नदी नालों की ओर जाने से बचें।कलेक्टर ने जनता से सहयोग करने की अपील की है। नक्सल प्रभावित इलाके में बाढ़ में फंसे 15 ग्रामीण रात करीब 7 बजे पूरा रेस्क्यू टीम मोटरबोट की मदद से रेस्क्यू के लिए निकला।
रात करीब 8 बजे एक घंटे की रेस्क्यू आपरेशन के बाद सभी 15 ग्रामीणों को सकुशल भैरमगढ़ लेकर लौटी। भारी बारिश के चलते नेशनल हाईवे भी घंटों बंद रहा। कई ग्रामीणों के घर बाढ़ ने उजाड़ दिए हैं। सैकड़ों मवेशी और सैकड़ों एकड़ खेती बर्बाद हो चुकी है।