काठमांडू– चीन अपने पड़ोसी देशों पर अधिकार जमाने और दोस्ती की आड़ में पीठ पर खंजर भोखने के लिए मशहूर है। ऐसा ही चीन ने एक बार फिर किया है। चीन ने हाल ही में बने अपने ‘दोस्त’ नेपाल को भी नहीं छोड़ा। दोस्ती का नाटक करते हुए पहले तो चीन नेपाल के करीब आया और अब उसी की जमीन पर कब्जा करते हुए 11 इमारते बना लीं। चीन के इस कदम के बाद नेपाल की सरकार हरकत में आ गई है।
नेपाल की मीडिया के मुताबिक, चीन ने सीमावर्ती जिला हुमला के एक हिस्से में 11 इमारतों का निर्माण किया है। इस इलाके पर नेपाल अपना दावा करता आया है। इसके चलते दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद की शुरुआत हो गई है। कई सालों पहले नेपाल द्वारा इस इलाके में सड़क बनाने के बाद से एक बॉर्डर पिलर गायब है और अब चीन ने इमारतों का निर्माण कर लिया। हाल में इलाके का दौरा करने वाले नेपाल के अधिकारियों की मानें तो साल 2005 में उस क्षेत्र में एक झोपड़ी थी।
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“Go back China”. Protests break out infront of Chinese embassy in Kathmandu over Chinese 🇨🇳 encroachment of Nepali🇳🇵 territories in northern Humla district. pic.twitter.com/xfQhi1VPlU— मनीष सिंह चौहान🇮🇳🇮🇳 (@chauhan2697) September 23, 2020
वहीं चीन के इस अवैध निर्माण की जानकारी मिलते ही नेपाल में जोरदार विरोध शुरू हो गया है। नेपाल में चीनी दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए हैं और गो बैक चाइना के नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर लिया हुआ है जिस पर लिखा, ‘बैक ऑफ चाइना’। उन्होंने चीन से मांग की कि नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण बंद करे।
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प्रदर्शनकारियों ने चीन से पुरानी संधि को लागू करने की भी मांग की। बता दें कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ तेजी से अपनी दोस्ती को मजबूत कर रहे हैं। वहीं, ड्रैगन भी उनकी जमीन पर उसी तेजी के साथ कब्जा कर रहा है।
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