कोरोना महामारी से लड़ाई में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी यानी एसईसी ने दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की सिफारिश की है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी ने 2-18 वर्ष के बच्चों के लिए भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन के लिए रिकमंड किया है। बाजार में उतारने के लिए कोवैक्सिन के सामने चार शर्तें रखी गई है।
क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल के आधार पर फार्मा कंपनी को स्टडी जारी रखनी होगी।
कंपनी को प्रोडक्ट की ताजा समरी और फ़ैक्टशीट देनी होगी
कंपनी को शुरुआत के दो महीने हर 15 दिनों में ये इसके दुष्परिणाम की जानकारी साझा करनी होगी और दो महीने के बाद हर महीने देनी होगी।
कंपनी को रिस्क मैनेजमेंट प्लान देना होगा
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अभी देश में वयस्कों को तीन वैक्सीन लगाई जा रही हैं। कोवैक्सिन, कोवीशील्ड और स्पुतनिक-V। इनमें से कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने बनाया है। कोवीशील्ड बनाने वाला सीरम इंस्टीट्यूट भी बच्चों की वैक्सीन कोवोवैक्स को बनाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव–डी का क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। उसे मंजूरी का इंतजार है। ये बड़ों के साथ बच्चों को भी लगाई जा सकेगी। DCGI की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीसरी लहर की चेतावनी के बाद 12 मई को बच्चों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की सिफारिश की थी। इसे मानते हुए DCGI ने ट्रायल की मंजूरी दी थी। भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल जून में शुरू किया था। कोवैक्सिन को तीन फेज के ट्रायल के बाद बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। दुनिया के अलग–अलग देशों में भी इसी तरह के ट्रायल्स के बाद बच्चों के लिए वैक्सीन को अप्रूवल दिया गया है।
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