नई दिल्ली (रिपोर्ट- अनिल सिंह): दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का दावा है कि जब से दिल्ली में केजरीवाल की सरकार काबिज हुई है, तब से जल बोर्ड मुनाफे में है। लेकिन बीजेपी का दावा केजरीवाल के दावे के ठीक उलट है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने है, तब से लगातार जल बोर्ड घाटे में चल रहा है। घाटे का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पास एकमात्र जल बोर्ड विभाग रखा है। केजरीवाल सितंबर 2017 में बोर्ड के अध्यक्ष बने थे। तब केजरीवाल ने कहा था कि जल बोर्ड को एक साल में 178 करोड़ से ज्यादा मुनाफा हो गया। सीएम ने इसका वजह जल बोर्ड से भ्रष्टाचार को खत्म करना बताया था। कहा था कि नेताओं की जेब में जाने वाले पैसे को बंद कर दिया। इससे मुनाफा हो गया और जनता को मुफ्त पानी मिलने लगा। लेकिन अब बीजेपी को केजरीवाल सरकार के जल बोर्ड में भ्रष्टाचार नजर आ रहा है। बीजेपी का आरोप है कि 2016-17 में 533 करोड़ रुपये और 2017-18 में 174 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। जबकिं 2018-2019 में ये घाटा 174 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।
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आम आदमी पार्टी एमसीडी को लेकर कहती है कि अगर बीजेपी एमसीडी नहीं चला पा रही है ।तो वह दिल्ली सरकार को दे दे। एमसीडी कर्मचारियों को वक्त पर सैलरी भी देगी और तमाम सुविधाएं भी देखी। तो वही बीजेपी नेता कहते हैं कि अगर केजरीवाल दिल्ली नहीं संभल रही है तो वो गद्दी छोड़ दें।
बीजेपी केजरीवाल सरकार को भ्रष्टाचार बता रही है। तो वहीं केजरीवाल बीजेपी शासित एमसीडी को भ्रष्टाचार बता रहे हैं। कुल मिलाकर सभी अपने आप को पाक साफ बताने में लगे है।
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