दिल्ली(अजीत सिंह):देश की राजधानी दिल्ली कोरोना की मार झेल चुकी है और वहीं हवा और पानी ने दिल्ली वालों की टेंशन बढ़ा रखी है और इसी बीच दिल्ली में डेंगू एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है, जो की सरकार के साथ साथ आम लोगों के लिए भी चिंता का विषय है।
राजधानी दिल्ली कोरोना की बीमारी से उभर ही रही थी की डेंगू के डंक ने राजधानी को बीमार करना शुरू कर दिया है, अमूमन ऐसा देखा जाता था की दीपावली के बाद ठंड की दस्तक के साथ ही डेंगू का कहर कम हो जाता था, लेकिन इस बार डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। आपकों बता दें की पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 1851 मामले आए हैं और महज नवंबर में ही 5600 मामले दर्ज किए गए है, मच्छर जनित बीमारी से अभी तक कुल 7,128 मामले दर्ज किए गए हैं और इस साल डेंगू से 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
READ ALSO दिल्ली की हवा अभी भी है “खराब श्रेणी” में
दिल्ली के बड़े अस्पताल LNJP,AIIMS , SAFDARJUNG जिनमें मरीजों की संख्या बढ़ती हुई नजर आ रही है,दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पश्चिम और नजफगढ़ जोन एवं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के केशवपुरम और सिविल लाइन जोन में डेंगू के मामलों में काफी अधिक बढ़ोतरी हुई है।
डेंगू के मामले पश्चिम जोन में 135, केशवपुरम में 124, सिविल लाइन जोन में 121 और नजफगढ़ जोन में 120 डेंगू के मामले प्रकाश में आए, लिहाजा डेंगू के मामले बेहताशा बढ़ने का सिलसिला जारी होने से तीनों नगर निगम चिंतित है।
डेंगू के मामले जब दिल्ली में पैर पसार रहे थे, तभी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक कर जिन राज्यों में डेंगू के मामले बढ़ रहे थे, वहां पर सैंपल इक्ठ्ठा करने के लिए टीमे तैनात कर दी , वहीं दिल्ली सरकार भी एक्शन में आई औऱ डेंगू, मलेरिया के मरीजों के लिए एक तिहाई कोरोना बेड के इस्तेमाल का भी निर्देश दे दिया था।
लगातार दिल्ली सरकार और MCD द्वारा जगह जगह फोगींग और दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन दिल्ली में डेंगू के मामले पिछले साल के मुकाबले आठ गुणा तेजी से दर्ज किए जा रहे है, बहरहाल अब देखना होगा की डेंगू के डंक की रफ्तार पर दिल्ली सरकार साथ ही केंद्र कब तक लगाम लगा पाती है ।