एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट यानि कि ईडी ने दिल्ली से हवाला कारोबार की बड़ी मछली को पकड़ लिया है। दिल्ली से नरेश जैन को ईडी ने 1 लाख करोड़ से ज्यादा की मनी लॉड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है।
ये मामला पिछले कुछ सालों में 550 से ज्यादा कंपनियों का यूज करके 1 लाख करोड़ से ज्यादा के लेन–देन से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक नरेश जैन को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है और यहां रोहिणी स्थित एक स्थानीय अदालत ने उसे नौ दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। जांच एजेंसी ने बुधवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि जैन को ‘धनशोधन और अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन में उसकी भूमिका के लिए चल रही पीएमएलए जांच’ में गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले को देख के सबसे बड़ा हवाला मामला भी बताया जा रहा है क्योंकि इसमें 554 फर्जी या फिर संदिग्ध कंपनियों के अलावा कम से कम 950 के करीब संदिग्ध खाते और 1 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा की रकम जांच के घेरे में हैं। ईडी ने ईओडब्ल्यू प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए मामला दर्ज होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी और विकासपुरी इलाकों में जैन और उसके सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी की थी और ‘विदेशी बैंक खातों को संचालित करने के लिए 14 डिजिटल गाइड’ जब्त की थी। इनका इस्तेमाल टेलीग्राफिक ट्रांसफर करने के लिए किया गया था। साथ ही कथित शेल फर्म के संचालन से संबंधित दस्तावेज, पेन ड्राइव, हार्ड ड्राइव आदि जब्त की गई थी।
अधिकारियों के अनुसार एजेंसी 337 विदेशी बैंक खातों की जांच कर रही हैं जो कि दुबई, हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में हैं। ईडी अधिकारियों ने कहा कि यह पाया गया कि भारत में ली गई नकदी ‘बनावटी ‘टूर एवं ट्रैवेल’ कंपनियों और टेलीग्राफिक ट्रांस्फर के जरिये विदेशी बैंक खातों में भेजी गई और यह विदेशी लाभार्थियों के लिए भेजी गई।’
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