नई दिल्ली (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)– कोरोना वायरस महामारी के बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने देश में चुनाव आयोजित करने को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। चुनाव आयोग ने बिहार के साथ ही 64 विधानसभा सीटों और 1 संसदीय सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला किया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, आयोग ने एक समय के आस पास सभी 64 विधानसभा सीटों और एक संसदीय सीट पर उपचुनाव और बिहार का विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है।
The #ElectionCommission (@ECISVEEP) on Friday announced that by-polls for the 64 assembly and one parliamentary seats in different states will be held around the same time with the #Bihar Assembly polls, dates for which will be announced later. #BiharPolls #BiharElections pic.twitter.com/LLHF7Rg7n0
— IANS Tweets (@ians_india) September 4, 2020
अलग-अलग राज्यों की 64 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है इनमें सबसे ज्यादा 27 सीटों पर मध्य प्रदेश में उपचुनाव होगा जबकि हरियाणा विधानसभा की सोनीपत जिले की महत्त्वपूर्ण बरोदा विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के विधायक कृष्ण हुड्डा के निधन से खाली हुई सीट पर भी उपचुनाव कराया जाएगा।
एक समय पर ही होंगे मुख्य चुनाव और उपचुनाव !
चुनाव आयोग ने एक समय पर बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने के फैसले को लेकर एक ठोस वजह बताई है। आयोग के मुताबिक, उन्हें एक साथ जोड़ने के प्रमुख कारणों में से एक सीएपीएफ अन्य कानून और व्यवस्था बलों और चुनाव से जुड़े अन्य लॉजिटिक्स के एक साथ काम इस्तेमाल करना है। चुनाव की तारीखों को लेकर हो रहे सवालों पर भी चुनाव आयोग ने तस्वीर साफ की है। आयोग ने कहा, बिहार विधानसभा चुनाव और साथ ही उपचुनावों के तारीखों का ऐलान आयोग द्वारा उचित समय पर कर दिया जाएगा।
चुनावों में इन गाइडलाइन्स का रखना होगा ध्यान !
इससे पहले देश में कोरोना वायरस महामारी के दौरान चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनमें कुछ मानकों के साथ रैलियों और घर-घर प्रचार की अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसके अलावा मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ईवीएम के बटन दबाने के लिए वोटरों को ग्लव्स दस्ताने उपलब्ध कराए जाएंगे जो संभवत: डिस्पोजेबल होंगे।
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दरअसल कई राज्य भारी बारिश और महामारी जैसी वजहों से उपचुनाव टालना चाहते हैं। ऐसे राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों की रिपोर्ट और इनपुट का रिव्यू करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही उपचुनाव करवाने का फैसला लिया गया।
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है। राज्य में उससे पहले चुनाव और नई सरकार का गठन होना है। अगर कम चरणों में मतदान होता है तो आयोग आसानी से मतदान की तिथियों को नवंबर के दूसरे सप्ताह तक खींच सकता है। कोरोना काल मे इससे थोड़ा वक्त भी मिलेगा और बहुत लंबी प्रक्रिया से भी राहत मिलेगी।सामान्यतया कई चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बार संभवत: अधिकतम दो चरणों में मतदान कराया जा सकता है।