छ्त्तीसगढ़ । (रिपोर्ट- नीरज तिवारी) छ्त्तीसगढ़ के कोंडागाँव में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की एक घिनौनी वारदात सामने आई है, जिसमे गैंगरेप के बाद पीड़ित युवती ने आत्महत्या कर ली। ये घटना तीन महीने पहले की है, लेकिन बड़ा मामला यह है कि पुलिस को दुष्कर्म की सारी जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज न करते हुए सिर्फ आत्महत्या का मामला ही दर्ज किया था। बीते चार दिनों पहले न्याय न मिलने पर जब पीड़िता के पिता ने आत्महत्या की कोशिश की और मीडिया जब पीड़िता के गांव पहुंचा तब पुलिस ने आनन-फानन में दुष्कर्म का मामला दर्ज कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आपको बता दें, तीन महीने पहले दफ्न की गई पीड़िता की लाश को भी कब्र से खोदकर कल शाम जाँच के लिए बाहर निकाला गया है। पीड़िता कोंडागाँव के अंदरूनी आदिवासी इलाके की निवासी थी और उसके साथ दुष्कर्म का ये मामला 19 जुलाई का है। पीड़िता अपने परिजनों के साथ 19 जुलाई को एक गाँव में शादी समारोह में शामिल होने गई थी, जहाँ गाँव के 7 युवक उसकी सहेली के सामने उसे उठा ले गए और फिर जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और रात 1 बजे उसे छोड़ दिया। पीड़िता देर रात वापिस आई और उसने अपनी सहेली को यह सारी बात बताई, लेकिन दुष्कर्म करने वाले दबंगों ने उसे धमकाया था कि अगर किसी को भी दुष्कर्म की बात बताई तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे।
इस मामले में पीड़िता ने दुष्कर्म के दूसरे दिन 20 जुलाई को फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, परिजन उसी शादी में थे। परिजनों के लौटने के बाद उसका अंतिम संस्कार हुआ। उसके बाद पीड़िता की सहेली ने दुष्कर्म की बात घरवालों को बताई, जिसके चलते 2 दिनों बाद दुष्कर्म की कहानी सामने आई। यह बात पुलिस तक भी पहुंची तब पुलिस ने घरवालों को बुलाया दुष्कर्म की सारी जानकारी ली थी। पीड़िता की सहेली से भी पूछताछ हुई उसने पुलिस को दुष्कर्म की सारी जानकारी बताई लेकिन पुलिस ने तब दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं किया और सिर्फ आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया था।
पुलिस ने जब दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं किया तो आदिवासी इलाके में रहने वाले पीड़िता के अनपढ़ गरीब पिता ने न्याय न मिलने के चलते 4 अक्टूबर को कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की और तब यह जानकारी सामने आई। बीते दिन जब स्थानीय मीडिया के कुछ लोग पीड़िता के गाँव पहुंचे तो पुलिस हरकत में आई। हाथरस की घटना और उसमें हुए बवाल को देखकर पीड़िता की दफ्न लाश को शाम को बाहर निकाला और रातों रात गैंगरेप की एफआईआर दर्ज कर 7 में से 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसके बावजूद रात तक पुलिसकर्मी मामले को दबाने गैंगरेप की घटना का खुलासा न कर जाँच की बात करते रहे। यही नहीं हाथरस के बवाल को देखते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस ने पीड़िता के परिजनों पर ही पूरा मामला डाल दिया। पुलिस का कहना है कि परिजनों या गांववालों द्वारा ही दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं कराया गया। इस तरह से छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म की ये घिनौनी वारदात और इसमें पुलिस की शर्मशार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है।