मेवात (रिपोर्ट – कासिम खांन): नूंह खंड के एक गांव में नाबालिग के साथ हुई छेड़छाड़ व जान से मारने की धमकी देने के मामले में चार दिनों बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। महिला थाना की जांच अधिकारी मनोज द्वारा पीडि़ता पर शिकायत बदलने व फैसला करने का दबाव बनाया जा रहा है।
दूसरी ओर छेड़छाड़ व जान से मारने की धमकी देने के बाद भी आरोपी गांव में खुले घुम रहे हैं। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर नाबालिग पीड़िता के परिजनों ने पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारणिया से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। पीडि़ता के परिजनों को पुलिस कप्तान ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन इस मामले में पीड़िता के परिजन अभी तक पुलिस कार्रवाई से पूरी तरह से असंतुष्ट है।
गौरतलब है कि बीते 21 दिसंबर को नूंह खंड के एक गांव में पशुओं के लिए चारा लेने गई एक नाबालिग के साथ गांव के आरोपी अकरम ने जबरन छेड़छाड़ कर बलात्कार करने की कोशिश की । नाबालिग के शोर मचाने पर पास के खेत में कार्य कर रहे लोगों को पता चल गया। जिससे उनके आने पर उक्त आरोपी वहां से भाग गया।
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शोर सुनकर वहां पर गांव के अन्य लोग आ गए इसके बाद छेड़छाड़ करने वाले आरोपी के भाई भूरू व पिता अहमद भी आ गए। लेकिन उन्होंने भी पीडि़ता के पिता व अन्य परिजनों से मामले को उजागर नहीं करने की धमकी दी कि अगर इस मामले के बारे में किसी को कुछ बताया तो तुझे जान से मार देंगे।
ऐसे में मामले के चार दिनों बाद कोई कार्रवाई नहीं होने से पीडि़ता के परिजन न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। वहीं महिला थाना पुलिस की जांच अधिकारी मनोज द्वारा पीड़िता के परिजनों पर शिकायत को बदलने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं इस मामले में नूंह महिला थाना प्रभारी सुमन ने बताया कि पुलिस जांच अधिकारी द्वारा फैसले का दबाव बनाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर पीड़ित उनके पास आते हैं तो मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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