देश में पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने और इलेक्‍ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के प्रयासों पर जोर दे रही सरकार !

दिल्ली। (रिपोर्ट- ललित कांडपाल) देश में इलेक्‍ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार इस सेक्‍टर को 34 हजार करोड़ का पैकेज देने की तैयारी कर रही है। जिसमें बैटरी मैन्‍यूफैक्‍चरिंग, सर्विस और चार्जिंग स्‍टेशन बनाने के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर खड़ा किया जाएगा। जिससे भविष्‍य में इस सेक्‍टर के खड़ा होने के साथ देश की तेल पर निर्भरता कम हो सके।

आपको बता दें, देश में पेट्रोल – डीजल की खपत को कम करने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस कड़ी में एक ओर जहां पेट्रोल – डीजल के विकल्‍पों पर काम किया जा रहा है वहीं इलेक्‍ट्रिक वाहनों के सेक्‍टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अब इसी दिशा में नीति आयोग ने भी बड़ा कदम उठाया है। नीति आयोग की सलाह पर केंद्र सरकार ई-वाहनों के सेक्‍टर को और मजबूत करने के लिए इस सेक्‍टर को 34 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने की तैयारी कर रही है। जिससे इस सेक्‍टर में होने वाले अलग-अलग काम किए जा सकें। जिसमें बैटरी का निर्माण करने वाली यूनिट से लेकर दूसरे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर शामिल हैं।

इसके दूसरी ओर सवाल ये है कि क्‍या इस पैकेज से वास्‍तव में इस सेक्‍टर की समस्‍याओं को दूर करते हुए इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है। इस सेक्‍टर को समझने वाले आटो इंडस्‍ट्री एक्‍सपर्ट टू टू धवन मानते हैं कि सबसे पहले इस सेक्‍टर में हमें चार्जिंग स्‍टेशन और दूसरे इंफ्रा पर काम करना होगा। क्‍योंकि गाड़ी खरीदने वाले को जब तक विश्‍वास नहीं होगा तब तक सेक्‍टर में तेजी नहीं लाई जा सकती है।

इस सेक्‍टर में सरकार अपनी इस पॉलिसी के तहत बैटरी बनाने वाली कंपनी के प्रोत्‍साहन के लिए 2030 तक 34 हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है। इसकी शुरुआत अगले वर्ष 900 करोड़ रुपये की पहली खेप के साथ किया जा सकता है। बाद में इसका इन्‍सेंटिव सालाना आधार पर बढ़ाया जा सकता है। मौजूदा समय में बैटरी पर उदयोग पर चीन की कंपनियों का राज है। सरकार उसमें मेड इन इंडिया कंपनियों को सामने लाना चाहती है। जिससे देश में ही माल बने और सस्‍ता मिले।

नीति आयोग के इस ड्राफट प्रपोजल में कहा गया है कि बैटरी स्‍टोरेज की सालाना घरेलू डिमांड फिलहाल 50 गीगावाट घंटे से भी कम है। इसका बाजार 14800 करोड़ रुपये का है। अब देखना ये होगा कि आने वाले समय मे सरकार ने इस सेक्‍टर को उभारने के लिए जो योजना बनाई है उससे इसका फायदा होता है या नहीं।

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