जीएसटी परिषद जीएसटी के कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले राजस्व के नुकसान के मुआवजे के एजेंडे के साथ आज बैठक करेगी। जीएसटी परिषद की 41 वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्यों को राहत कैसे दी जाए इस पर होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त महीने तक का मुआवजा नहीं मिला है।
बैठक से पहले, गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर एक आम रणनीति तैयार करने में जुट गए। बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्य जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बात को जोर–शोर से उठा सकते हैं। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने तो केंद्रीय वित्त मंत्री को लेटर लिखकर इस बारे में मांग भी कर दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को दिये गये वचन का सम्मान करे। झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी जैसे राज्य भी इसी तरह की मांग कर चुके हैं। वहीं, अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पहले कह दिया था कि केंद्र राज्यों के जीएसटी राजस्व में किसी भी तरह की कमी से निपटने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है।
केंद्र सरकार ने मार्च में अटॉर्नी जनरल से बाजार की वैधता पर मुआवजे के फंड में अच्छी कमी लाने के लिए विचार मांगे थे। जीएसटी कानून के तहत, राज्यों को 1 जुलाई, 2017 से जीएसटी कार्यान्वयन के पहले पांच सालों में राजस्व के किसी भी नुकसान के लिए द्वि–मासिक क्षतिपूर्ति की गारंटी दी गई थी।
गौरतलब है कि इस वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को करीब 1,15,096 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। इसके बाद दिसंबर से फरवरी के बीच 36,400 करोड़ रुपये की दूसरी खेप जारी की गई थी। इसके बाद कोरोना संकट की वजह से जब केंद्र की आर्थिक हालत खराब हुई तो उसने हाथ खड़े कर लिये। इसके पहले साल 2018-19 में केंद्र ने राज्यों को 69,275 करोड़ रुपये और 2017-18 में 41,146 करोड़ रुपये जारी किये थे।