यमुनानगर(राहुल सहजवानी)। भले ही प्रदेश सरकार स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा के स्तर को सुधारने का दावा करती है। लेकिन शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के गृह जिले में सरकारी स्कूल की तस्वीरें कुछ और ही बयान कर रही है। स्कूल में बच्चे तो है लेकिन पढ़ाने के लिए अध्यापक नही है। स्कूल में शौचालय तो है लेकिन साफ सफाई नही है। यह हाल यमुनानगर के बाड़ी माजरा स्तिथ राजकीय माध्यमिक विद्यालय और संस्कृति मॉडल स्कूल का है। हैरानी की बात तो यह है की स्कूल में क्लास रूम के साथ साथ ड्यूल डेस्क की भी कमी है। कमरों में दो-दो क्लास लगाई जाती है। जिससे ना तो अध्यापक अच्छे से पढ़ा पाते है और ना ही बच्चे अच्छे से समझ पाते है। Haryana News Today,
बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए सरकार ने लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर टैब वितरित किए है। लेकिन सरकार स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाले डेस्क और चेयर तक मुहैया नही करवा पा रही। यह तस्वीरें शिक्षा मंत्री के गृह जिले यमुनानगर के बाड़ी माजरा स्तिथ राजकीय माध्यमिक विद्यालय की है। स्कूल में बरसात का पानी जमा होने की वजह से बच्चों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे स्कूल के प्रांगण में जमीन पर बैठ कर शिक्षा लेने को मजबूर है। स्कूलों में अध्यापक, सफाई कर्मचारी, चौकीदार से लेकर क्लास रूम तक की कमी है। स्कूल में 300 बच्चों के लिए महज 5 क्लास है। आलम यह है की 5 क्लास में दो दो कक्षाओं को पढ़ाया जा रहा है। अगर बात शौचालयों की करे तो आप भी यहां की तस्वीरें देख कर हैरान हो जाएंगे। Haryana News Today,
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स्कूल में स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है लेकिन स्कूल के हालात देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है की बच्चे क्या ही कुछ सीखेंगे। स्कूल के इंचार्ज से बात करने पर उन्होंने बताया की हर साल बारिश होने की वजह से स्कूल में आने वाला रास्ता बाधित हो जाता है। बच्चों के साथ साथ अध्यापकों को भी दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि हमारे स्कूल में 6 से लेकर 8 क्लास तक 300 के लगभग बच्चे हैं और अगर प्राइमरी की बात करें तो वहां पर 6 सौ के आसपास बच्चों की संख्या है। तथा क्लास रूम की कमी होने के कारण बच्चों को बाहर प्रांगण में पढ़ाया जाता है। प्रशासन को भी इसके लिए लिख कर दिया हुआ है। जैसे ही ग्रांट आयेगी कमरों की कमी दूर हो जायेगी। Haryana News Today,
वैसे तो शिक्षा मंत्री दावा करते है की हरियाणा में स्कूलों का कायापलट किया गया है। कई स्कूलों को संस्कृति मॉडल स्कूल बनाए गए है। लेकिन ये संस्कृति मॉडल स्कूल भी बदहाल स्थिति में है। स्कूल की तरफ जाने के लिए पक्के रास्ते भी नही है। स्कूल गेट के बिल्कुल बाहर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। स्कूल का नाम जरूर बदल कर संकृति मॉडल स्कूल रख दिया लेकिन स्कूल में पिछले कई सालों से मूलभूत सुविधा जो बच्चो को मिलनी चाहिए उसकी कमी है। स्कूल में 16 अध्यापक है और 15 सेक्शन है लेकिन कमरे केवल 8 है। एक कमरे में दो दो क्लास लगानी पड़ रही है। स्कूल में टेबल चेयर की कमी होने के कारण जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है।
यमुनानगर के कुछ स्कूलों के हालात ऐसे ही खराब हालत में है लेकिन इन स्कूलों की कायापलट होने का शिक्षा विभाग बड़े बड़े दावे कर रहा है। ऐसे में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की मानें तो बहुत जल्द ही सरकारी स्कूलो का ढांचा बदला जाएगा। इन स्कूलों के लिए आने जाने का रास्ता पक्का किया जाएगा और स्कूलों की चारदीवारी भी की जाएगी, स्कूलों के लिए हवादार साफ सुथरे कमरे बनाए जाएंगे और बच्चो के बैठने के लिए डयूल डेस्क का भी बंदोबस्त किया जाएगा। तथा जिन स्कूलों की छत खराब है उसको भी बहुत जल्द ही रिपेयर कर स्कूलों का पूरा नक्शा चेंज कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा की पायलट प्रोजेक्ट की शुरूवात सीएम सिटी करनाल और शिक्षा मंत्री के गृह जिले यमुनानगर से कि जायेगी। इसके लिए दोनो जिलों के स्कूल से जरूरी और रिपेयरिंग का एस्टीमेट मांगा गया है और 5 अगस्त से पहले इसको पूरा किया जाएगा। Haryana News Today,
5 अगस्त से पहले नई बिल्डिंग तो नही बन पाएगी लेकिन शिक्षा मंत्री द्वारा बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध करने और हरियाणा के स्कूलों का नक्शा बदलने की बात की जा रही है। फ़िलहाल शिक्षा मंत्री ने इस बात का दावा तो बड़े जोरशोर से किया है लेकिन हकीकत में सरकारी स्कूलों की कायापलट कब होगी यह देखना अभी बाकी है। क्योंकि राज्य में अभी बहुत बड़े बदलाव की जरूरत है।
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