चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए एक ठोस कदम उठाते हुए जिला उपायुक्तों को इस चुनौती से निपटने के लिए सभी संसाधन जुटाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जिला उपायुक्तों से वर्चुअल माध्यम से सम्पर्क कर उन्हें गांवों में सकारात्मक माहौल बनाने, घर-घर जाकर कोविड रोगियों की जांच में किसी प्रकार की ढिलाई न बरतने और रोगियों के इलाज समेत वायरस के फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा विकसित करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी भी हाल में इसमें योगदान देने से नहीं चूकेगी। जो व्यक्तिगत रूप से दिन-प्रतिदिन कोरोना की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
खतरे से निपटने के लिए ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ रणनीति का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया है, जिसके तहत हल्के और मध्यम लक्षणों वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है।
और राज्य सरकार इन रोगियों को ऑक्सीमीटर और आवश्यक दवाओं से युक्त ‘होम आइसोलेशन किट’ प्रदान कर रही है।
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इसके अलावा, मल्टीडिसीप्लिनरी टीम, जिसमें प्रशिक्षु डॉक्टर, आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स शामिल हैं, को जमीनी स्तर पर उतारा गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर ग्रामीण व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि हर गांव में एक आइसोलेशन सेंटर होना चाहिए। इसके लिए धर्मशालाओं, सरकारी स्कूलों या आयुष केंद्रों का उपयोग किया जा सकता है
और इनमें सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था की जाए। इस कार्य के लिए 10,000 तक की आबादी वाले गांवों की प्रत्येक ग्राम पंचायत को 30,000 रुपए, जबकि 10,000 से अधिक आबादी वाले गांवों की ग्राम पंचायत को सभी बुनियादी व्यवस्था करने के लिए 50,000 रुपये मिलेंगे।
इसके अलावा 1.5 लाख से अधिक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट वितरित की जा चुकी हैं। इन किटों की निर्बाध आपूर्ति जारी रहनी चाहिए ताकि मेडिकल टीमें उपचारात्मक कदम उठा सकें।
उन्होंने कहा कि हरियाणा ग्रामीण सामान्य स्वास्थ्य जांच योजना के तहत कल राज्यभर के 2095 गांवों को रैपिड एंटीजन टेस्ट के तहत कवर किया गया और 2958 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए। राज्य में अब तक 10 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है।