हेल्थ वर्कर्स ने उठाई नियमित करने की मांग, सरकार पर लगाए टालमटोल के आरोप

नई दिल्ली (रिपोर्ट- विश्वजीत झा): दिल्ली के कांट्रेक्चुअल हेल्थ और पैरामेडिकल स्टाफ को इस दिवाली पर भी परमानेंट होने का तोहफा नहीं मिल पाएगा । दरअसल इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार ने जो शर्तें लगाई हैं उससे कर्मचारी यूनियन ही सहमत नहीं है।

कोरोना वॉरियर के तौर पर दिल्ली के अस्पतालों में काम कर रहे हेल्थ और पैरामेडिकल स्टाफ के नियमित होने पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने 11 अक्टूबर को जो आदेश जारी किया है उसमें कर्मचारियों को परीक्षा में बैठने के लिए उम्र में छूट दी गई है। पर कर्मचारियों का कहना है कि 15 -20 साल की नौकरी के बाद फ्रेशर्स के साथ परीक्षा मैं बैठने के लिए कहना कितना उचित है।

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कर्मचारी यूनियन का कहना है कि कोर्ट ने कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी किया है पर सरकार टालमटोल कर रही है। कर्मचारियों का कहना है कि जिस तरह तिहाड़ में पैरामेडिकल स्टाफ को नियमित किया गया किया गया किया गया और इसी साल डॉक्टरों को नियमित करने में जो प्रक्रिया अपनाई गई है। वही प्रक्रिया उनके साथ भी अपनाई जानी चाहिए।

दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में करीब ढाई हजार पैरामेडिकल और हेल्थ कर्मचारी हैं। नियमित होने के लिए पिछले कई सालों से कर्मचारी कोर्ट और सरकार का चक्कर काट रहे हैं। दिल्ली सरकार भी कर्मचारियों को नियमित करने की बात कहती रही है पर सवाल है कि इनका इंतजार कब खत्म होगा।

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