यमुनानगर(राहुल सहजवानी): यमुनानगर में अवैध खनन का एक बडा नेटवर्क जो जीएसटी को लेकर तो सरकार को पहले से ही चूना लगाता आ रहा है। दरअसल, जिले में साढोरा के धनौरा इलाके में अवैध माइनिंग कर उसे करोडों रूपयों में बेचा गया और उसके फर्जी बिल बनाकर दिखाए गए। बिल में यह खनन गोवा, गुजरात और जम्मू कश्मीर से खरीदा गया ऐसा दिखाया गया है। हालांकि, अगर खनन सामग्री को इन राज्यो से खरीदी जाती है तो इस पर खर्च भी बहुत ज्यादा आता है।
इन राज्यों से खनन सामग्री हरियाणा में आते-आते काफी महंगी पड़ती है। इन बातों की भनक जब खनन विभाग के उच्च अधिकारियों को लगी तो पंचकूला से एक टीम ने धनौरा इलाके के खनन क्षेत्र का दौरा किया और अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की। जांच में सामने आया की इन इलाकों में भारी खनन तो हुआ लेकिन उसका स्टाक कही नहीं मिला। प्लांट के मालिको के खिलाफ कई धाराओ के तहत बिलासपुर थाना में मामला दर्ज करवाया गया है।
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वहीं, मामला दर्ज होते ही खनन कारोबारियों में हलचल पैदा हो गई है। एक तरफ धनौरा रंजीतपुर तो दूसरी तरफ ताजेवाला से भी कई ऐसे फर्जी बिलों के मामले सामने आने लग गए है। साफ है कि जिले में खनन क्षेत्र में अवैध खुदाई कर सरकार को अब तक करोडों का खनन माफिया चूना लगा चुका है। अभी तक सिर्फ चार प्लांट मालिकों के खिलाफ ही मामला दर्ज हुआ है। अब देखने वाली बात है कि इस तरह से सरकार की आंखों में धूल झोंक सरकार को चुना लगाने वाले और कितने मामले सामने आएंगे। फ़िलहाल, अब माइनिग अधिकारी इन सभी प्लांट मलिकों को नोटिस दिए जा रहे हैं।
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