जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने के निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है इस मामले पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 26 मई को होगी।
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इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पिछले बुधवार को हाईकोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को कथित रूप से CAA और एनआरसी के संबंध में एक विशेष धार्मिक समुदाय के मन में भय पैदा करके सरकार के खिलाफ भड़कते हुए देखा गया था। साल 2019 में CAA और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किए गए शर्जील इमाम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही थी। पुलिस ने तर्क दिया था कि इमाम का भाषण समुदायिक विभाजन पर आधारित था जिसमें विशेष रूप से मुसलमानों को संबोधित किया गया था। इसके अलावा उसने काल्पनिक हिरासत शिविरों का उल्लेख कर के छात्रों को गुमराह भी किया था।
इमाम ने अपने कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर दर्ज मामले में जमानत मांगी है, जिसके कारण कथित तौर पर जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर 2019 को CAA के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी। इमाम ने निचली अदालत के 22 अक्टूबर 2021 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
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