नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): समुद्र में भारत की ताकत आज और बढ़ गई है। स्कॉर्पीन डिजाइन की पनडुब्बी आईएनएस वेला मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल हो गई है।
देश की चौथी स्कॉर्पीन कटेगरी की पनडुब्बी INS वेला का दो साल से अधिक तक ट्रायल किए जाने के बाद आज बेड़े में शामिल किया गया है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में आईएनएस वेला भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई है। स्कॉर्पीन कटेगरी की INS वेला पनडुब्बी एंटी-सरफेस वॉर, एंटी-सबमरीन वॉर, खुफिया जानकारी जमा करने, माइन बिछाने, निगरानी जैसे कई मिशन को अंजाम दे सकती है।
इसे अल्ट्रामॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बनाया गया है, इसके टॉप साइलेंसिंग टेक्नोलॉजी, लो रेडिएटेड नॉइज लेवल, हाइड्रो-डायनामिक शेप, टार्गेटिंड हथियारों का इस्तेमाल कर दुश्मन पर अटैक करना इसे ख़ास बनाता है।
इसके जरिए पानी के भीतर या सतह पर एक ही समय में टॉरपीडो के साथ-साथ ट्यूब से लांच एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल करके दुश्मन पर हमले किए जा सकते हैं।
ऐसे समय मे जब चीन समुद्री क्षेत्र में लगातार अपनी पनडुब्बी ताकत बढ़ा रहा है INS वेला के आने से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र में भारत की सुरक्षा क्षमता बढ़ेगी।
दरअसल, दक्षिण चीन सागर पर दबदबा कायम करने के बाद अब चीन की नजर हिंद महासागर पर है। इसलिए भारत को विशेष तौर पर हरदम सतर्क है।
समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी भारतीय नौसेना ने इससे पहले 21 नवंबर को युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम को सेवा में शमिल किया था।
इस तरह नौसेना को एक हफ़्ते में आईएनएस विशाखापट्टनम के बाद आईएनएस वेला के रूप में दो बड़ी ताकतवर ‘उपलब्धियां’ हासिल हुई हैं।
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