विकेटकीपर से कैप्टन कूल तक, कैसा रहा एमएस धोनी के क्रिकेट करियर का सफर !

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को सिर्फ क्रिकेट जगत ही नहीं बल्कि देश का बच्चा-बच्चा जानता है। आज के समय में वे किसी नाम के मोहताज नहीं हैं। दुनिया उन्हें -अलग नामों से जानती है जिसमें एमएसडी, धोनी, माही और कैप्टन कूल आदि शामिल हैं। उन्हीं माही ने आज अपने 16 साल के इंटरनेशनल क्रिकेट करियर पर फुलस्टॉप लगा दिया। धोनी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट के वो मसीहा बन कर उभरे जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को सभी उपलब्धियां हासिल करवाईं।

हर सफलता भारत को धोनी ने दिलाई !

उन्होंने 2007 में अपनी कप्तानी में टी20 विश्व कप भारत को जीताया, 2011 में वनडे का विश्व विजेता बनाया और उसके बाद टेस्ट में भी भारत को नंबर एक तक पहुंचाया। उनकी कप्तानी में भारत ने हर देश में जाकर सीरीज जीतने का जज्बा कायम किया। आज उन्हीं दिग्गज धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के संन्यास से निश्चित ही सभी क्रिकेट फैंस दुखी होंगे। आइए एक नजर डालते हैं धोनी के क्रिकेट करियर पर।

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कैसा रहा धोनी का टीम इंडिया के लिए सफर

23 दिसंबर 2004 बांग्लादेश के खिलाफ भारत के लिए लंबों बालों से मशहूर हुए महेंद्र सिंह धोनी ने डेब्यू किया था। धोनी ने शुरुआत मुकाबलों में विफल होने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ अगली सीरीज से जो ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का सिलसिला शुरू किया वो फिर आज से पहले शायद ही कभी रुका हो। लेकिन अब धोनी ने उसे खुद रोक दिया है। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मुकाबले खेले। धोनी ने अपने पूरे करियर में 16 हजार से ऊपर रन बनाए। वनडे में उन्होंने 50.58 की औसत से 10773 रन बनाए, जिसमें 183 रनों की यादगार पारी उनका बेस्ट स्कोर है। वहीं टेस्ट में उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए। उनका टेस्ट में बेस्ट स्कोर है 224 रन। इसके अलावा टी20 में भी पूर्व भारतीय कप्तान ने 37.6 की औसत से 1617 रन बनाए हैं। जहां उनका सर्वोच्च स्कोर है 56।
वहीं नॉटआउट रहने में धोनी का अलग ही रिकॉर्ड है। धोनी 16 बार टेस्ट में 84 बार वनडे में और 42 बार टी20 क्रिकेट में नाबाद रहे हैं। यही कारण है कि वे भारत के लिए एक मैचविनर और मैचफिनिशर के रूप में जाने जाते थे ।

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धोनी के जीवन से कुछ कही-अनकही बातें :-

  • धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, बिहार (अब झारखंड) में हुआ था। स्कूल लेवर पर धोनी जिला और क्लब स्तर पर बैडमिंटन और फुटबॉल खेला करते थे।
  • धोनी स्कूल में अपनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे और धोनी को पहली बार उनके कोच केशव बनर्जी ने एक स्थानीय क्रिकेट क्लब के लिए क्रिकेट खेलने के लिए भेजा और माही बेहतरीन प्रदर्शन कर उस क्लब के विकेटकीपर बन गए।
  • धोनी ने अपना रणजी डेब्यू 1999-2000 में बिहार के लिए किया था। इसके बाद भी उन्हें मौके का लंबा इंतजार करना पड़ा।
  • 2001 से 2003 तक धोनी ने खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टीटीई की नौकरी की।
  • साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल में धोनी ने डेब्यू किया।
  • 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में वनडे विश्व कप में भारत को शर्मनाक हार मिलने के बाद धोनी के हाथों में टीम की कप्ततानी आते ही मानों टीम की किस्मत बदल गई हो।
  • धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 का पहला टी20 विश्व कप जीता और 2011 में माही की टीम इंडिया वनडे की विश्व चैंपियन भी बनी।
  • एम एस धोनी पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने 2008 और 2009 दो बार आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड जीता।
  • धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
  • धोनी को 2007 में राजीव गांधी खेल रत्न, 2008 में पद्म भूषण और 2009 में पद्म श्री जैसे राजकीय सम्मानों से नवाजा गया।
  • 2011 से अब तक धोनी भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर भी काबिज हैं। पिछले साल विश्व कप के बाद धोनी ने सेना के साथ ट्रेनिंग करते हुए खासा समय व्यतीत किया था।
  • इंटरनेशनल क्रिकेट के अलावा भारत की घरेलू लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी धोनी का बोलबाला रहा है और उन्होंने अपनी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के नाम तीन खिताब किए। वे इस टूर्नामेंट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं।

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