आज भारत की न्यायप्रणाली के लिए बेहद ही अहम दिन है। भारत के मुख्यन्यायधीश यूयू ललित का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जस्टिस ललित को कई जजों की पीठ की उपस्थिति में बिदाई दी जाएगी। अपने आखिरी कार्यकाल के दौरान मुख्यन्यायधीश यूयू ललित कई बड़े फैसलों पर सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के ये दूसरे मुख्यन्यायधीश है जिनका कार्यकाल सबसे कम दिनों के लिए महज 74 दिनों का ही रहा है। इन्होंने कई बड़े फैसलों को जल्द निपटारा किया है। अपने काम के प्रति निष्ठा व योगदान से ही लोगों के चहेते व गरीबों के मसीहा बनें। जस्टिस यूयू ललित ने देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में 27 अगस्त को शपथ ली थी।
सुप्रीमकोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी CJI की सेरेमोनियल बेंच की लाइव स्ट्रीमिंग जस्टिस एनवी रमना के रिटायरमेंट के दौरान हुई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर वेबकास्ट किया गया था। CJI ललित की सेरेमोनियल बेंच की भी लाइव स्ट्रीमिंग होगी। इसके पहले 26 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट की 3-जजों की बेंच ने यौन अपराधों और वैवाहिक विवादों से जुड़े मामलों को छोड़कर सुनवाई की लाइव-स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी। CJI ललित 8 नवंबर को रिटायर हो रहे है। CJI ललित ने जून 1983 में एक एडवोकेट के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की । उन्होंने दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की, फिर जनवरी 1986 में प्रैक्टिस को दिल्ली हाईकोर्ट में बरकरार रखा।
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बता दें कि मुख्यन्यायधीश यूयू ललित अप्रैल 2004 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए उन्हें CBI के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया गया था। जस्टिस ललित दो कार्यकाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया लीगल सर्विसेज कमेटी के सदस्य भी थे।
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