पीएम मोदी ने आज कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) छात्रों को सशक्त बनाने के लिए एक गेम चेंजर है। एनईपी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने एनईपी के समग्र कार्यान्वयन पर जोर दिया। प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मेलन एनईपी के बारे में अधिक जानकारी देगा जो इसके बेहतर कार्यान्वयन में मदद करेगा।
शिक्षा को ओवरहाल कहना समय की जरूरत थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों और युवाओं को वैश्विक नागरिकों के लिए प्रयास करना चाहिए, लेकिन जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने पर जोर दिया क्योंकि इससे युवा छात्रों को मदद मिलेगी।
प्रधान मंत्री ने कहा कि छात्रों पर बोझ कम किया जाना चाहिए क्योंकि सूचना और सामग्री का अधिभार है। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम का हवाला देते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अच्छे इंसान बनाना है। बेहतर भारत के लिए तेजी से सुधारों का आह्वान करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि छात्रों को जिज्ञासा और प्रतिबद्धता से प्रेरित जीवन की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनईपी शिक्षकों के सीखने पर जोर देता है और शिक्षक प्रबुद्ध छात्रों को बनाते हैं।
प्रधानमंत्री ने एनईपी पर सवालों और संदेहों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को अब पाठ्यक्रम बदलने की स्वतंत्रता होगी और उच्च शिक्षा अब विशिष्ट धाराओं से मुक्त है। कहने की जांच, विश्लेषण, चर्चा आधारित शिक्षा शिक्षा प्रणाली को मजबूत करेगी। प्रधान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक लंबी सोच के बाद इस एनईपी को कैसे बनाया गया।
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