नई दिल्ली (रिपोर्ट- ललित नारायण कांडपाल): दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के बयान पर जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जवाब दिया उसके बाद अब बीजेपी मुख्यमंत्री पर हमलावर हो गई है बीजेपी ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि दिल्ली के 65 हजार करोड़ के बजट में प्रदूषण के लिए आखिर ₹520000000 क्यों दिए गए? यह दिल्ली सरकार की नीयत को दर्शाता है कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए कितनी गंभीर है?
दिल्ली में छाया प्रदूषण का घना धुआं फिलहाल छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है और ना ही मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में इसके छूटने की घोषणा की है लेकिन इस बीच अब इस पूरे मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा है कि केजरीवाल बातें करने की बजाय अगर काम करते तो शायद आज स्थिति सुधर गई होती।
बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा, हमें ये स्वीकार करना होगा कि यहां वायु प्रदूषण की समस्या है। लेकिन हम इसे राजनीति से नहीं कर सकते, न ही हम इसे झूठे आरोप लगाकर हल कर सकते है। आप सब ने सुना कि पराली का जो प्रदूषण है उसका हर रोज का स्तर बदलता रहता है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक ओवरऑल आंकड़ा बताया। लेकिन आज सामने आया एक आंकड़ा दिल्ली सरकार के दावे पर सवाल उठा रहा है।
Also Read- जेपी नड्डा का कांग्रेस पर बड़ा हमला, कहा- ‘बस एक परिवार की पार्टी बनकर रहे गई’!
नूपुर शर्मा ने बताया कि आईआईटी कानपुर की एक स्टडी कहती है कि जिसमें ये बताया गया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण की है। इसमें रोड डस्ट- 38%, गाड़ियों का प्रदूषण 20% , घरों का प्रदूषण 17% ये कुल 70% बनता है। रोड डस्ट मेन कारण है। रोड डस्ट क्लीन करने वाली गाड़ियों को लेकर सरकार ने कहा था कि हमारे पास 6 गाड़िया है। जबकि हम 6 ओर लाने की तैयारी कर रहे है। जबकि सरकार ने दिल्ली हाइकोर्ट में एफिडेविट में कहा कि सरकार के पास 3 गाड़िया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बताया था कि जो पराली जल रही है उसमें 10.23% पंजाब में ओर 1 % हरियाणा में हुआ है। पंजाब में सबसे ज्यादा संगरूर में हुआ है। जो भगवंत मान का संसदीय क्षेत्र है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सियासत कहां तक पहुंचती है।