राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को नामांकन कर दिया। नामाकंन करने के लिए वो नोएडा में अपने आवास से संसद के लिए निकले थे। यशवंत सिन्हा के नामांकन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, आरएलडी के जयंत चौधरी, डी राजा, सीताराम येचुरी, मीसा भारती सहित कई नेता शामिल रहे।
नामांकन दाखिल करने के बाद यशवंत सिन्हा 28 जून से अपने लिए प्रचार की शुरूआत करेंगे और देशभर में दौरा करेंगे। उम्मीद है कि उनके प्रचार की शुरूआत तमिलनाडु के चेन्नई से होगी। सिन्हा पहले दक्षिण भारत के राज्यों में अपने लिए प्रचार कर वोट मांगेंगे और उसके बाद ही उत्तर भारत के राज्यों का रूख करेंगे।
राजनीति में आने से पहले यशवंत सिन्हा आईएएस अधिकारी थे और करीब 24 सालों तक उन्होंने कई विभागों में अपनी सेवाएं दीं। 1984 में जय प्रकाश नारायण से प्रभावित होकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और राजनीति की शुरूआत की। जिसके बाद 1988 में पहली बार यशवंत सिन्हा राज्यसभा पहुंचे चंद्रशेखर सरकार में 1990 में देश के वित्त मंत्री का पद संभाला था। 1996 में यशवंत सिन्हा बीजेपी में शामिल हुए और सालों की राजनीति के बाद 2014 में उन्हें बीजेपी ने टिकट तक नहीं दिया था लेकिन उनके बेटे को चुनाव मैदान में उतार दिया था। 2018 में उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बीजेपी छोड़ने का एलान किया था और साथ ही सक्रिय राजनीति से दूरी भी बना ली थी।
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यशवंत सिन्हा से पहले 24 जून को एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था। उनके साथ पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, नितिन गडकरी, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम सहित कई नेता मौजूद थे।
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