प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के गुजरात दौरे पर है आज दौरे का दूसरा दिन था । पीएम मोदी ने भुजियो डूंगर में स्मृतिवन मेमोरियल और अंजार में वीर बाल स्मारक का लोकापर्ण किया। इसी के साथ पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने कहा ये कच्छ ,गुजरात की नहीं बल्कि पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं लगा बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने इसके ईंट-पत्थरों को सींचा है।
पीएम मोदी ने कहा एक समय था जब ऐसा कहने वाले बहुत थे कि कच्छ कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा। लेकिन आज कच्छ के लोगों ने यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल दी कच्छ की एक विशेषता तो हमेशा से रही है,यहां रास्ते में चलते-चलते भी कोई व्यक्ति एक सपना बो जाए तो पूरा कच्छ उसको वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है।
पीएम ने आगे कहा मुझे याद है, जब भूकंप आया था तो मैं उसके दूसरे दिन ही यहां पहुंच गया था। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था। साधारण सा कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाउंगा। लेकिन मैंने ये तय किया कि मैं यहां आप सबके बीच में रहूँगा। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं।
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ऐसी स्थिति में भी एक तरफ गुजरात देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाने वाला पहला राज्य बना है। इसी एक्ट की प्रेरणा से पूरे देश के लिए भी ऐसा ही कानून बना। देश में आज जो ग्रीन हाउस अभियान चल रहा है, उसमें गुजरात की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी तरह जब गुजरात, दुनिया भर में ग्रीन हाउस कैपिटल के रूप में अपनी पहचान बनाएगा, तो उसमें कच्छ का बहुत बड़ा योगदान होगा कच्छ का विकास, सबका प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है। कच्छ सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि ये एक स्पिरिट है, एक जीती-जागती भावना है। ये वो भावना है, जो हमें आज़ादी के अमृतकाल के विराट संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाती है।
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