नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का शुभारंभ किया। पहले इस संग्रहालय को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम के नाम से जाना जाता था। आज से इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले टिकट भी खरीदा। प्रधानमंत्री संग्रहालय का मुआयना करने के बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस संग्रहालय में जितना अतीत है, उतना ही भविष्य भी है। ये संग्रहालय देश के लोगों को बीते समय की यात्रा करवाते हुए, नई दिशा-नए रूप में भारत की विकास यात्रा पर ले जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि ये हम भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारे ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं। सुदूर देहात से आकर, एकदम गरीब परिवार से आकर, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एक दो अपवाद छोड़ दें तो हमारे यहां लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है। इसलिए हमारा भी ये दायित्व है कि अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहें। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत, लोकतंत्र की जननी है। भारत के लोकतंत्र की बड़ी विशेषता ये भी है कि समय के साथ इसमें निरंतर बदलाव आता रहा है। हर युग में, हर पीढ़ी में, लोकतंत्र को और आधुनिक बनाने, सशक्त करने का निरंतर प्रयास हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें प्रेरणा देता है, नवीनता को स्वीकारने की, नए विचारों को स्वीकारने की। प्रधानमंत्री संगहालय में अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यों का प्रदर्शन होगा। पहले इसे नेहरू संग्रहालय भवन के नाम से जाना जाता था। पिछले महीने पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नेहरू संग्रहालय को पीएम म्यूजियम में तब्दील करने का फैसला किया गया था।
इस संग्रहालय की लागत करीब 271 करोड़ रुपये आई है। संग्रहालय में दो ब्लॉक हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर में है ।प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यों को दिखाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी के लिए उनके परिवारों से भी संपर्क किया गया था।
संग्रहालय में महत्वपूर्ण पत्राचार, कुछ व्यक्तिगत वस्तुओं, उपहार और यादगार वस्तुएं, सम्मान, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के आदि भी प्रदर्शित किए गए हैं। दूरदर्शन, फिल्म डिवीजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी),प्रिंट मीडिया, विदेशी समाचार एजेंसियों, विदेश मंत्रालय आदि संस्थानों के माध्यम से जानकारी इकट्ठा की गई है।
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पीएम संग्रहालय में भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान के निर्माण तक की कहानी बताई गई है। इसमें आजादी के बाद के कालखंड को विशेष तौर पर शामिल करते हुए बताया गया है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों से देश को उबारा और देश की चौतरफा प्रगति सुनिश्चित की। संग्रहालय भवन की डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है। इसे नेताओं के हाथों का आकार दिया गया है। डिजाइन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण के इंतजाम किए गए हैं।
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प्रधानमंत्री संग्रहालय में युवाओं को सूचना आसान और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित संचार सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। प्रदर्शनी को अत्यधिक इंटरैक्टिव बनाने के लिए होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टी-मीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन आदि लगाई गई हैं।