PM मोदी ने बिहार को दी 543.28 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात

नई दिल्ली: आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी प्रमुख सियासी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार में 543.28 करोड़ की सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

यह परियोजनाएं केंद्र की नमामि गंगे और अमरुत योजना से जुड़ी हैं। इनमें पटना की बेउर और कर्मलीचक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवान, छपरा से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

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बिहार के लिए अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ीं सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए बिहार लाखों इंजीनियर देता है। भारतीय इंजीनियरों ने हमारे देश के निर्माण में और दुनिया के निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान किया है।

पीएम बेउर और कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। नगर परिषद सीवान और छपरा नगर निगम की जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया।

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वहीं, मुजफ्फरपुर में रिवर फ्रंट विकसित करने और मुंगेर नगर निगम तथा जमालपुर नगर परिषद की जलापूर्ति योजनाओं का भी शिलान्यास किया। बिहार विधान चुनाव से पहले मोदी सरकार बिहार को लगातार केंद्रीय योजनाओं की सौगात दे रही हैं।

– आत्मनिर्भर बिहार आत्मनिर्भर भारत मिशन को देगा गति

– सरकार का प्रयास है कि गंगा के किनारे बसे जितने भी शहर हैं, वहां गंदे नालों का पानी सीधे गंगा जी में गिरने से रोका जाए। इसके लिए अनेकों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। आज जो बेऊर और करम-लीचक की योजना का उद्घाटन हुआ है, उससे इस क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ होगा।

– बिहार के लोगों का तो गंगा जी से बहुत ही गहरा नाता है। गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है। गंगा जी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 50 से ज्यादा परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

– आज आवश्यक है कि हमारे शहरों में संभावनाएं हों, समृद्धि हो, सम्मान हो, सुरक्षा हो, सशक्त समाज हो और आधुनिक सुविधाएं हों।

– शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है। लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है। लेकिन मेरा मानना है, ऐसा नहीं है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है।

– बिहार देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है। बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है। बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों में पहुंचते हैं, अपनी चमक बिखेरते हैं।

– बीते एक साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में दो करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। आज देश में हर दिन एक लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। स्वच्छ पानी, न सिर्फ जीवन बेहतर बनाता है बल्कि अनेक गंभीर बीमारियों से भी बचाता है।

– अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते चार-पांच सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है।

– जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है, जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है:

– सड़कें हो, गलियां हों, पीने का पानी हो, सीवरेज हो, ऐसी अनेक मूल समस्याओं को या तो टाल दिया गया या फिर जब भी इनसे जुड़े काम हुए वो घोटालों की भेंट चढ़ गए।

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