नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): देशभर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कल से शुरू होगा। तीन दिवसीय सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी शामिल होंगे, जबकि प्रधानमंत्री भी वर्चुअल जुड़ेंगे।
इस मौके पर संसद भवन परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं के कामकाज को पारदर्शी एवं मजबूत बनाने के बारे में चर्चा की जायेगी ।
पीठासीन अधिकारियों की पहली बैठक के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन 16,17 और 18 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के शिमला में किया जाएगा।
स्पीकर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यस्था को मजबूत करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में राज्य के सभापति, पीठासीन अधिकारी , राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष शामिल होते हैं, अलग अलग राज्यों से मिले विचारों पर चर्चा होती है।
इसके पीछे उद्देश्य यह है कि शासन जिम्मेदार बने, पारदर्शी बने, नई तकनीक से जुड़े. 2001 में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, संसद सदस्य समेत सभी ने हिस्सा लिया।
दलबदल कानून इसी आधार पर बना, सभी राज्यों में सदन की कार्रवाई को लाइव करने का फैसला लिया गया। सारी बातों की चर्चा इसी सम्मेलन में हुई। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पीएम मोदी इस सम्मेलन की शुरुआत करेंगे।
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इस मौके पर स्पीकर ओम बिरला ने संसद में हंगामें और शोरगुल को लेकर कहा कि हमारा यह अनुरोध होता है कि सदन की कार्यवाही हो।
इस पर व्यापक चर्चा होती है, सदन में अनुशासन हो, इस बारे में सबसे और चर्चा करेंगे और संवाद करेंगे। चर्चा नियम और प्रक्रिया के तहत हो, जो बिजनेस कमेटी तय करेगी।
स्पीकर ने आगे कहा कि 1857 के बाद के सारे रिकॉर्ड संसद में उपलब्ध होंगे, ऐसे इंतजाम हम करने जा रहे हैं। हम लोकतांत्रिक संस्थाओं को और मजबूत बनाएंगे।
100 साल के कार्यक्रम बनाएंगे, कैसी चुनौती आएगी। इस बार बात करेंगे। हम मार्गदर्शन करेंगे। हमारी बड़ी जिम्मेदारी है, जो राज्य को ठीक लगे, वह उसे लागू करे। देश और दुनिया के एक्सपर्ट की राय लेंगे। दूसरे देशों के अच्छे सुझाव को अपनाने की कोशिश करेंगे।
लोकसभा स्पीकर ने नई संसद के निर्माण को लेकर कहा कि हम पहले 17 दिन पीछे थे अब बराबर हो गए है। नया संसद भवन टाइम पर तैयार होगा। स्पीकर ने कहा कि इसके लिए बाकायदा प्रदूषण की भी मॉनिटरिग हो रही है।
प्रदूषण की वजह से नए संसद भवन के कामकाज बंद होने को लेकर लोकसभा स्पीकर ने कहा कि जो भी नियम प्रक्रिया है, वह सबके लिए एक है।
संसद में भवन निर्माण का काम बंद होगा यह अभी पता नहीं। अभी हम कानून देखेंगे। काम होते समय हमने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण के मापदंड को मानेंगे।
पंडित नेहरू की जयंती बाल दिवस के कार्यक्रम में स्पीकर,राज्ससभा के सभापति और मंत्रियों की गैरमौजूदगी के मुद्दे पर ओम बिरला ने कहा कि जब रहता हूं तब मैं भी वहां जाता हूं।
कई बार कई नेता भी नहीं आते हैं, सवाल उठाते खासकर ट्वीट करते वक्त ध्यान रखा जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी मेरी नही है।
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