कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने एक ट्रैक्टर को किया आग के हवाले, गरमाई देश की सियासत

दिल्ली। (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार) किसान बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन की गूंज आज भी देशभर में सुनाई दी। जगह-जगह प्रदर्शन हुए। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह धरने पर बैठे तो वहीं दिल्ली में एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद वार-पलटवार का राजनीतिक घमासान शुरू हो गया।

किसान बिल को लेकर देशभर में प्रदर्शन आज भी जारी रहा। किसान आंदोलन की ये गूंज दिल्ली के राजपथ पर भी पहुंची जहां पंजाब यूथ कांग्रेस के कथित कार्यकर्ता सुबह इंडिया गेट के नजदीक राजपथ पर पहुंचे और किसान बिल के विरोध में एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों ने आग लगाई है, उनकी पहचान की जा रही है। सभी लोग हाथों में भगत सिंह के पोस्टर लेकर आए थे। कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारी एक ट्रक से ट्रैक्टर लाए और इंडिया गेट के नजदीक उसमें आग लगा दी।

राजपथ पर ट्रैक्टर जलाने की घटना के बाद बीजेपी और केंद्र सरकार कांग्रेस पर हमलावर हो गई। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाए कि किसान आंदोलन के बहाने कांग्रेस देश मे अराजकता फैलाना चाहती है। इस घटना को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ट्रक में ट्रैक्टर लादकर प्रदर्शन-निषिद्ध क्षेत्र में लाकर आग लगा देना, कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों को क्या संदेश दे रहे हैं? भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए जान दी, ये किसानों की आजादी के विरोध में हिंसा कर रहे हैं।तोमर ने कहा कि ये किसान और भगत सिंह, दोनों का अपमान है।

हालांकि किसानों के हक की आवाज उठाने का दावा करते हुए कांग्रेस ने भी जवाबी पलटवार किया। वहीं उत्तर प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार किया गया तो इधर हरियाणा में भी जगह-जगह किसान संगठनों और कांग्रेस ने प्रदर्शन किए।

इधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर धरना दिया। कैप्टन शहीद भगत सिंह के 113वें जन्मदिवस पर शहीद-ए-आजम को श्रद्धांजलि देने उनके गांव खटकड़ कलां पहुंचे। यहां वे कृषि कानून के खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। कैप्टन के साथ कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत, प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ व उनके मंत्री-विधायक भी मौजूद रहे।

इस दौरान कैप्टन ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्ष में उनकी सरकार ने आईएसआई जैसी देश विरोधी एजेंसियों के विरोध में बेहद अच्छा काम किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने नया बिल लाकर प्रदेश की शांति बिगाड़ दी है। आईएसआई माहौल बिगड़ने पर लाभ उठाने की कोशिश करती है, लेकिन उनकी सरकार पंजाब का माहौल नहीं बिगड़ने देगी। उन्होंने यह बात पंजाब में आईएसआई द्वारा किसान आंदोलन के बीच किसी तरह की कार्रवाई करने के सवाल पर कही।

कैप्टन ने कहा कि पंजाब में नया कृषि कानून आने के बाद स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। जब लोगों की रोटी छीनी जाएगी तो वे विरोध करेंगे ही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के किसान आंदोलन में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे राहुल गांधी से निवेदन करेंगे कि पंजाब में किसानों की लड़ाई में हिस्सा लें।

कैप्टन ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई में पंजाब सरकार को सुखबीर बादल की मदद की जरुरत नहीं। पंजाब में अकाली दल जनाधार खो चुका है तथा पंजाब सरकार नए कृषि बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। एग्रीकल्चर स्टेट का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार ने किसान बिल लाकर राज्य के अधिकारों को छीनने की कोशिश की है।

बहरहाल, किसान आंदोलन की ये लड़ाई बिहार चुनाव और अलग-अलग राज्यों में होने वाले उपचुनाव की लड़ाई से जोड़कर भी देखी जा रही है। विरोधी किसानों की आवाज उठाने का दावा करते हुए सरकार पर हमला कर रहे हैं तो सरकार विरोधियों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए हमलावर है।

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