सोनीपत: हरियाणा में स्वतंत्रता दिवस से पहले निकाली जाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तिरंगा यात्राओं का किसान विरोध नहीं करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कुंडली बॉर्डर पर रविवार को आयोजित बैठक में यह फैसला लिया है। मोर्चा के नेताओं ने भाजपा की तिरंगा यात्राओं को किसानों को भड़काने व बदनाम करने की साजिश करार दिया है।
मोर्चा नेताओं का कहना है कि किसानों द्वारा आए दिन भाजपा नेताओं का विरोध किया जा रहा है, जिससे बचने के लिए भाजपा ने तिरंगा यात्रा की आड़ में नया हथकंडा अपनाया है।
हरियाणा में भाजपा ने प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में तिरंगा यात्रा निकालने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरूआत रविवार को भिवानी की बहल विधानसभा क्षेत्र से की गई।
इससे पहले भाजपा सरकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों का किसान लगातार विरोध करते आ रहे थे। हिसार, सिरसा, कुरूक्षेत्र, कैथल, पानीपत, रोहतक के अलावा चंडीगढ़ के किसानों के साथ भाजपा नेताओं की तनातनी भी हो चुकी है।
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वहीं, किसानों पर कई जगह मामले दर्ज भी हो चुके हैं। अब भाजपा ने एक अगस्त से प्रदेश भर में तिरंगा यात्रा निकालने का निर्णय लिया है तो प्रबल आशंका थी कि किसान भाजपा के इस कार्यक्रम का विरोध करेंगे, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने इस कार्यक्रम का विरोध नहीं करने का निर्णय लिया है।
मोर्चा ने किसानों को कहा है कि वे किसी भी सूरत में भाजपा की तिरंगा यात्रा का विरोध न करें, क्योंकि यह भाजपा की किसानों को भड़काने व बदनाम करने की साजिश हो सकती है।
इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को चलाई जाने वाली किसान संसद को लेकर भी रणनीति बनाई। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही के समानांतर किसान संसद सत्र कल जंतर-मंतर पर जारी रहेगा।
कुंडली बार्डर पर लगातार बारिश के कारण किसानों के तंबुओं में पानी जमा हो गया है। लगातार बारिश के कारण किसानों के तंबुओं में रखा राशन व अन्य सामान भीग गया है, जिससे काफी नुकसान भी हुआ है।
किसान लगातार अपने आशियानों से पानी निकालने में जुटे हैं, लेकिन तेज बारिश उनके प्रयासों पर पानी फेर रही है। किसानों ने बताया कि लगातार बारिश से बुजुर्ग किसान बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन उनका हौंसला नहीं टूटा है।