राजधानी दिल्ली में कोरोना के कहर से सरकार की चिंताए बढ़ने लगी हैं जिसके चलते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पिछले कुछ वक्त से दिल्ली में कोरोना के मामलें बढ़ते ही जा रहे है जिसके कारण हालात काफी
गंभीर नज़र आ रहे है ऐसे में सरकार ने क्या व्यवस्था की है उस पर विस्तार से हलफनामा दे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार को तीन दिन का वक्त दिया गया है जिसमे सरकार को तीन दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है ।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के साथ महाराष्ट्र सरकार से भी कोरोना की स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है ।
दिसंबर में बिगड़ सकती है स्थिति-
अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि राजधानी दिल्ली में हालात गंभीर हो चुके हैं । जिसके बाद अदालत में केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये सिर्फ केंद्र-दिल्ली का मसला नहीं है, ये पूरे देश की बात है ।15 नवंबर को केंद्र की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ निर्देश दिए थे जिन पर दिल्ली सरकार को अभी बहुत काम करने की जरूरत है अदालत ने कहा है कि अगर राज्यों ने अभी से ही पर्याप्त कदम नहीं उठाए तो दिसंबर में स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है।
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दिल्ली सरकार ने अदालत को जानकारी देते हुए कहा है कि निजी अस्पतालों में बैड की व्यवस्था बढ़ा दी गई है और साथ ही 80 फीसदी अस्पतालों में आईसीयू कोरोना मरीजो के लिए रिजर्व कर दिए गए है। दिल्ली सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि उन्होंने सभी
निर्देशों का पालन किया है लेकिन त्योहारों के सीजन में ज्यादा भीड़ और लापरवाही के चलते दिल्ली में अचानक कोरोना के मामलों में तेजी देखने को आई है।
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटो में दिल्ली में 6 हजार से अधिक नए कोरोना के मामले सामने आए है जिनमें से 121
लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा दिल्ली में इस वक्त 40 हजार से अधिक कोरोना के एक्टिव केस है जो एक गंभीर आंकड़ा है।
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