दिल्ली (अवैस उस्मानी): विश्व फुटबॉल संचालन संस्था (FIFA) द्वारा भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निलंबित करने के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की प्रशासकों की समिति (CoA) को भंग कर दिया। साथ ही चुनाव भी टाल दिया। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस उम्मीद में आदेश पारित किया जा रहा है कि फीफा भारत में आयोजित होने वाले एआईएफएफ और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन को रद्द कर देगा।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से प्रशासकों की समिति को हटाने और भारतीय फुटबाॅल के प्रशासन की जिम्मेदारी AIFF को सौंपने की अपील की। केंद्र सरकार की तरफ से साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी दलील में कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। इसकी वजह से भारत अंडर 17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी करने का मौका गंवा सकता है, जो इस साल अक्टूबर में होना प्रस्तावित है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे देश के खिलाड़ी किसी अंतरराष्ट्रीय फुटबाॅल टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे। हमारे लिए यह कोई खुशी की बात नहीं है, हमें निलंबित किया गया है।
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सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फीफा ने भारतीय फुटबाॅल महासंघ के आंतरिक चुनावों के इलेक्टोरल कॉलेज पर चिंता व्यक्त की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि AIFF की कार्यकारी समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष समेत 23 सदस्य होंगे, साथ ही छह प्रतिष्ठित खिलाड़ी इसका हिस्सा हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची में AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए। इसके अलावा मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस उम्मीद में आदेश पारित किया जा रहा है कि फीफा भारत में आयोजित होने वाले एआईएफएफ और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन को रद्द कर देगा। वांछित परिणाम नहीं आने पर कोर्ट आगे के आदेशों पर विचार करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन का कामकाज संभालने का ज़िम्मा एसोसिएशन के महासचिव को दिया है। तथा अपनी तरफ से नियुक्त प्रशासक कमिटी का काम पूरा हो जाने की बात कही, सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव को 1 हफ्ता आगे बढ़ाया।