आज लम्बे इंतजार के बाद नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गिरा दिया गया। 28 अगस्त को सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की अंतिम तारीख थी। इस टावर को गिराने में मात्र 9 सेकेंड का समय लगा और ये टावर हमेशा के लिए खत्म हो गया टावर ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैल गया। और वह सिर्फ मलबों का गुबार ही रह गया। आज ही के दिन नोएडा सेक्टर-93ए में स्थित अवैध ट्विन टावरों को गिराने का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया था। इस टावर को गिराने में 3500 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया है। इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत की गई है तथा अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
वहीं आसपास के रिहायशी इलाकों को खाली करा दिया गया है। वहीं भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इस दौरान ट्विन टावर के आस पास कि यातायात व्यवस्था भी बाधित रह सकती है। विस्फोट से ठीक पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे दोपहर 2:15 बजे से 2:45 बजे तक बंद किया गया, इस दौरान नोएडा से ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर-37 की ओर डायवर्ट किया गया। वाहन चालकों को सिटी सेंटर, सेक्टर-71 होकर गंतव्य की ओर जाना पड़ा। ट्विन टॉवर गिरने के बाद नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है। हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा।
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दोनों टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान सुचारू यातायात व्यवस्था के मद्देनजर ट्रैफिक डायवर्जन प्लान तैयार किया गया है। ट्रैफिक पुलिस कहना है कि यातायात असुविधा उत्पन्न होने पर लोग हेल्पलाइन नंबर-9971009001 पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से पहले सोसायटी के लोग अपना फ्लैट खाली कर रहे हैं। वाहनों, पालतू जानवरों को लेकर घर से बाहर जा रहे हैं। वहीं, कुत्तों को बचाने के लिए एनजीओ की एक संयुक्त टीम काम कर रही है।
वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पास के 2 सोसाइटी में गैस की सप्लाई और बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गयी है। ध्वस्तीकरण के बाद होने वाले धूल से बचने के लिए स्मॉग गन और एयर क्वालिटी इंडेक्स मशीनें भी लगाई गयी है। ट्विन टावर गिराने का जिम्मा एडिफाइस नाम की कंपनी को मिला है। जानकारी के अनुसार बिल्डिंग में 3700 किलो बारूद भरा गया है। तथा पिलर्स में लंबे-लंबे छेद करके बारूद भरना होता है। फ्लोर टु फ्लोर कनेक्शन भी किया जा चुका है।
सुपरटेक ट्विन टावर्स विध्वंस पर अपर मुख्य सचिव(गृह) अवनीश कुमार अवस्थी (बलरामपुर) ने कहा की इन अवैध ट्विन टावरों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त कार्रवाई में ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। यह एक संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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ध्यान रहे कि 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक के ट्विन टॉवर को अवैध घोषित करते हुए गिराने का आदेश दिया था। ट्विन टॉवर के बगल वाली सोसाइटी की RWA ने कोर्ट में शिकायत की थी कि ये टॉवर अवैध तरीके से बनाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि इन्हें बनाने में नियमों की अनदेखी हुई। नोएडा अथॉरिटी के अफसरों का निर्माण में भ्रष्टाचार भी उजागर हुआ। जिस पर कई अफसर सस्पेंड हो चुके हैं।
सुपरटेक ट्विन टावर का निर्माण जुलाई 2006 में शुरू हुआ। इस दौरान पहली बार 29 दिसंबर 2006 में मानचित्र में संशोधन हुआ। दूसरी बार 26 नवंबर 2009 में माचित्र में संशोधन हुआ। दोनों टावर का निर्माण कार्य 2 मार्च 2012 तक चला। यह प्रोजेक्ट काफी विवादित रहा। बिल्डर और बायर की लड़ाई में बायर्स की जीत हुई और सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को गिराने का आदेश जारी कर दिया। तथा इनके ध्वस्तीकरण में 17.55 करोड़ खर्च होंगे।
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