नई दिल्ली(विश्वजीत झा): उत्तराखंड के दो मशहूर हस्तियों शहीद केसरी चंद और मशहूर लोक गायक हीरा सिंह राणा के सम्मान में पटपड़गंज विधानसभा में दो सड़कों का नामकरण किया गया।
अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से कुमाऊँ के सौन्दर्य और संघर्षों की झलक दिखाने वाले व कुमाउनी, गढ़वाली, जौनसारी अकादमी दिल्ली के पहले उपाध्यक्ष स्वर्गीय हीरा सिंह राणा जी और स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द फौज के
सिपाही के रूप में ब्रिटिश हुकूमत को नाको चने चबवा देने वाले अमर शहीद वीर केसरी चन्द्र जी के सम्मान में वेस्ट विनोद नगर वार्ड में रविवार को दो सड़को का नामकरण किया गया।
वेस्ट विनोद नगर वार्ड में सी-ब्लाक मार्ग न. 4 ब्लाक सी लोकगायक स्वर्गीय हीरा सिंह राणा मार्ग और विनोद नगर रेड लाइट से सिल्वर लाइन अस्पताल तक स्थित रोड अब अमर शहीद वीर केसरी चन्द्र मार्ग के नाम जाना जाएगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हीरा सिंह राणा की कविताएं आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेंगी। उन्होंने जो लिखा है वो देश के काम आने वाला है।
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हीरा सिंह राणा के गीत कुमाऊ के सौन्दर्य के साथ-साथ पहाड़ों के संघर्षों का चित्र प्रस्तुत करते हैं। पहाड़ का दर्द, पहाड़ों में फैले भेदभाव, सुविधाओं की कमी से लोगों का पलायन के मुद्दों को हीरा सिंह राणा जी ने बहुत प्रखरता के साथ उठाया है।
उन्होंने मशहूर लोक गायक हीरा सिंह राणा जी अपने लोकगीतों के जरिए लोगों को हर मुसीबत का सामना बहादुरी के साथ करने हौसला देते थे।
उनके गीत आने वाली पीढ़ियों को देंगे प्रेरणा कहा कि इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को फक्र होगा की हमारे बीच ऐसे महाकवि रहते थे।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि हीरा सिंह राणा जी ने अपनी कविताओं को कुमाउँनी भाषा में लिखा लेकिन अब उसका हिंदी अनुवाद भी हुआ है। इससे हिंदी भाषी लोगों को भी कुमाऊं की संस्कृति और सौंदर्य को समझने का मौका मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की हिन्द फौज के सिपाही अमर शहीद वीर केसरी चन्द्र जी ने मात्र 24 साल की उम्र में आजादी की लड़ाई में अपनी आहुति दे दी।
हमारे इन्ही स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण आज हम खुली हवा में साँस ले पा रहे हैं। ऐसे अमर शहीदों के बलिदान को लोग न भूले, इसलिए विनोद नगर रेड लाइट से सिल्वर लाइन अस्पताल तक स्थित रोड अब अमर शहीद वीर केसरी चन्द्र मार्ग के नाम जाना जाएगा ताकि युवा और आने वाली पीढ़ी शहीद केसरी चन्द्र जी व उनके काम से प्रेरणा ले सके।
देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा हो। लोग जब इस मार्ग से गुजरे तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो सके| ये हमारे अमर शहीद सेनानियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।