केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने किया अखिल भारतीय पेंशन अदालत 2022 का उद्घाटन

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने मौके पर ही पेंशन धारियों के सामने आ रही समस्याओं पर फीडबैक लिया | Total tv, आज की ताजा खबरे, news,

नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): केंद्रीय कार्मिक,लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह की अगुवाई में आज पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में अखिल भारतीय पेंशन अदालत 2022 का आयोजन किया। दिल्ली के डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस पेंशन अदालत में मौके पर ही पेंशनधारियों की समस्याओं का समाधान किया गया।

यह पहल 2017 में विभाग द्वारा शुरू की गई थी जो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पेंशनभोगियों की शिकायतों का तुरंत समाधान उपलब्ध कराती है। इसके तहत अपनाया गया मॉडल यह है कि किसी विशेष शिकायत के सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर आमंत्रित किया जाता है और मौजूदा नीति के अनुसार मामले का समाधान किया जाता है। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने मौके पर ही पेंशन धारियों के सामने आ रही समस्याओं पर फीडबैक लिया। दिल्ली के बाहर करीब 200 से अधिक स्थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी फीडबैक लिया गया। इस दौरान अलग-अलग समस्याओं का जिक्र हुआ तो केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने मौके पर ही अधिकारियों को इन समस्याओं को दूर करने के दिशा निर्देश दिए।

कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन देते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय पेंशन अदालत कॉन्सेप्ट 2017 में हमने शुरू किया,काफी चुनौती आयी हम लगातार सीख रहे है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमे ऐसा सोलुशन मॉडल खोजना है कि अदालत लगाने की जरूरत ही ना पड़े केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों से कहा कि हमें ऐसा मॉडल बनाना है जिसमें पेंशन धारियों की समस्या का 45 दिन के अंदर समाधान हो जाना चाहिए।

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केंद्रीय मंत्री ने इस दिशा में काम कर रहे मंत्रालय के अधिकारियों की भरपूर तारीफ की।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी टीम वर्क के साथ काम कर रहे है। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन अदालत के जरिये हमे फीडबैक मिलते है समस्याओ को सुलझाने में मदद मिलती है।पेंशनधारियों के हितों का संरक्षण और उनकी समस्याओं का फौरी समाधान होना आवश्यक है,हमे इसमे लगातार काम करना है,तेजी लानी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दिशा में हमने नियमो को सरल किया है, कई तरहा के सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को समाप्त किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि काफी क्रांतिकारी कदम उठाए गए है ताकि पेंशन हितधारियो को संरक्षण मिल सके।अदालती परिक्रियाओ के चलते हमे काफी कुछ सीखने को मिला है।इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर किसी रूल को लेकर तीसरी बार भी समस्या आती है तो रूल में ही कमी है इसे बदलने की जरूरत है।हम हर सकारात्मक सुझाव पर अमल करने के लिए तैयार है।

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केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों की सहूलियत के लिए अनेक सुधार लागू किए हैं।केंद्र सरकार द्वारा अन्‍य कई पहल भी की गई हैं जिनमें भविष्‍य, संकल्‍प, जीवन प्रमाण-डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, पुराने कानूनों को समाप्‍त करना और स्‍व-सत्‍यापन करना भी शामिल हैं। 2017 में पेंशन अदालत की पहल के शुरू होने के समय से अब तक 22494 पेंशनभोगियों की शिकायतों को लिया गया है और 16061 से ज़्यादा मामलों का मौके पर ही समाधान किया गया है।

आज की पेंशन अदालत में विभाग परिवार पेंशनभोगियों और 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के अति वरिष्ठ पेंशनभोगियों से संबंधित मामलों को विशेष प्राथमिकता दी गयी है। पेंशन अदालत का प्राथमिक उद्देश्य पेंशनभोगियों को जीवन की सुगमता प्रदान करना और मुकदमेबाजी को रोकना है जिसमें पेंशनभोगी के साथ-साथ सरकार पर वित्तीय तनाव शामिल है और साथ ही यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया है। यह एक अखिल भारतीय प्रभाव भी पैदा करता है और सभी मंत्रालयों/विभागों/संगठनों को यह संदेश देता है कि यह सरकार पेंशनभोगियों की व्यक्तिगत शिकायतों को कितना महत्व देती है।

इस मौके पर केंद्रीय पेंशन सचिव वी.श्रीनिवास ने कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने सभी मंत्रालयों के लिए अपने पेंशन मामलों को संसाधित करने के लिए भविष्य सॉफ्टवेयर को अनिवार्य बनाकर पेंशन भुगतान प्रक्रिया का शुरू से अंत तक डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया है। केंद्रीय पेंशन सचिव ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर ने प्रत्येक हितधारक के लिए पेंशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है ताकि समय पर पेंशन शुरू हो सके। सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया गया है कि उनके नोडल अधिकारी लंबित शिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा बैठकें करें और पेंशनभोगियों की शिकायतों से निपटने वाले सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करें।

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