उत्तराखंडः उत्तराखंड के चमोली जिले से एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां जोशीमठ में ग्लेशियर गिरने से डैम टूट गया है। इसमें कई लोगों के बहे जाने की बात कही जा रही है।
जो लोग बहे हैं वे निचले इलाकों में रहने वाले बताए गए हैं। पोस्ट जोशीमठ से हेड कांस्टेबल मंगल सिंह द्वारा बताया गया कि उन्हें समय 10:55 बजे थाना जोशीमठ से सूचना मिली की रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली थी।
Tapovan Power Project damaged after a massive flood in #Chamoli district of #Uttarakhand. pic.twitter.com/yN9mNRUmKi
— SkymetWeather (@SkymetWeather) February 7, 2021
इसके बाद हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि तपोवन के ऊपर से किसी नदी के फटने की वजह से ऐसा हुआ है, जिस नदी के फटने की बात कही जा रही है, उसे धौली गंगा भी कहा जाता है।
जिस वक्त यह बर्फीला तूफान आया उस वक्त जोशीमठ में अच्छी खासी धूप खिली हुई थी, जिससे भी लोग हैरान हैं।बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है।
सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है।
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अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि काफी नुकसान की सूचना आ रही है। लेकिन अभी स्थिति साफ नहीं।
टीम मौके पर जा रही है, उसके बाद ही नुकसान की स्थिति साफ होगी। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने के बाद बांध क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है। तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है। वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है।
उधर, बाढ़ के बाद अब धौली नदी का जल स्तर पूरी तक रूका हुआ है। स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार, गढ़वाल की नदियों में पानी ज्यादा बढ़ा हुआ है। करंट लगने से कई लोग लापता बताए जा रहे है।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं।