(अनिल कुमार): हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों के साथ बैठक कर पराली जलने की घटनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने फतेहाबाद और सिरसा जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि उनके जिलों में फसल कटाई देर से हो रही है, इसलिए पराली जलाने की घटनाएं न हों, इसके लिए पूरी तरह से निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि त्यौहारों में छुट्टी के दिनों में पराली जलाने की घटनाएं न बढ़ें इसके लिए टीमें तैनात की जाएं। डयूटी रोस्टर बनाकर शिफ्ट में डयूटी लगाई जाए।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों के साथ बैठक कर पराली जलने की घटनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने फतेहाबाद और सिरसा जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि उनके जिलों में फसल कटाई देर से हो रही है, इसलिए पराली जलाने की घटनाएं न हों, इसके लिए पूरी तरह से निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि त्यौहारों में छुट्टी के दिनों में पराली जलाने की घटनाएं न बढ़ें इसके लिए टीमें तैनात की जाएं। डयूटी रोस्टर बनाकर शिफ्ट में डयूटी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 46 प्रतिशत तक की कमी आई है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस प्रतिशतता को 50 प्रतिशत तक ले जाने का है।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने की दिशा में काम करें। कटाई वाले एरिया में प्राथमिकता से निगरानी रखें और वहां पर लगातार निरीक्षण करें। कोई पराली जलाता है, तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ अन्य आवश्यक कार्रवाई भी अमल में लाई जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर जारी पूर्वानुमान के अनुसार 22 अक्टूबर तक प्रदूषण का स्तर 300 पार कर जाने की आशंका है, इसलिए एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) की स्टेज टू गाइडलाइन को लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि बहादुरगढ़, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक से थोड़ी खराब स्थिति में आया है, यहां पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के साथ-साथ औद्योगिक इकाईयों द्वारा क्लीन एनर्जी में स्थानांतण की प्रक्रिया को भी देखें। इसके लिए जिलों में टीमों का गठन किया जाए, जो औद्योगिक इकाईयों की निगरानी करेगी कि उन्होंने पीएनजी, बिजली या बायोमास एनर्जी में स्थानांतरित किया है या नहीं। इस बारे जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में डस्ट कंट्रोल के लिए निर्माणाधीन स्थलों पर एंटि स्मॉक गन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
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मुख्य सचिव ने कृषि विभाग के अधिकारियों, जिला उपायुक्तों व प्रशासन के अन्य अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि सभी के सहयोगात्मक प्रयासों से पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। पड़ोसी राज्य पंजाब से हरियाणा में स्थिति काफी बेहतर है। आगे भी यही स्थिति बनी रहे, इसके लिए लगातार प्रयास किये जाएं। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि गांवों में माइक्रो लेवल प्लानिंग के तहत पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण रखा जा रहा है। किसानों से संपर्क कर उन्हें पराली न जलाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इन सीटू और एक्स सीटू प्रबंधन के लिए मशीनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है।
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