लोकसभा में स्पीकर पद के लिए 26 जून को चुनाव होना है। इस पद के लिए BJP की ओर से ओम बिरला और कांग्रेस की ओर से के. सुरेश आमने-सामने होंगे। एनडीए(NDA) की ओर से ओम बिरला एक बार फिर से स्पीकर पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
देश के इतिहास में पहली बार है जब लोकसभा स्पीकर के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई है और चुनाव की नौबत आ गयी है।एनडीए की ओर से ओम बिरला एक बार फिर से स्पीकर पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं।ओम बिरला ने आज स्पीकर पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद के सुरेश ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। अगर के. सुरेश नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो चुनावी मुक़ाबला तय माना जा रहा है।इससे पहले संसद भवन पहुंचे राहुल गांधी ने बयान दिया कि विपक्ष ने स्पीकर पद पर समर्थन देने का निर्णय इस आधार पर किया था कि यह कन्वेंशन बना था की डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को मिलेगा पर सरकार ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है।
Read Also: Mental Health: बस इन बातों पर ध्यान देकर रख सकते हैं अपने मेंटल हेल्थ को दुरुस्त
स्पीकर पद के चुनाव के लिए कल वोटिंग होगी। इसमें वही सदस्य हिस्सा ले पाएंगे, जिन्होंने सांसद पद की शपथ ले ली है।पिछली बार ओम बिरला निर्विरोध स्पीकर चुने गए थे तब विपक्षी दलों ने भी उन्हें समर्थन दिया था।वही केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बयान दिया कि स्पीकर पद के लिए विपक्ष को कोई शर्त नही रखनी चाहिए और अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेकर स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से करना चाहिए। हालांकि विपक्ष की मांग है कि वो लोकसभा स्पीकर के पद के लिए इसी शर्त पर सरकार का साथ देगा,जब लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद उसे ही मिले, क्योंकि ये एक परंपरा है।
543 सदस्यीय लोकसभा में बीजेपी के पास 240 सीटें हैं लेकिन एनडीए की कुल ताकत 293 की है, इसमें टीडीपी और जेडीयू का हिस्सा 28 सदस्यों का है यानि अब सरकार को चलाने और हर काम के लिए इन दोनों दलों पर पूरी तरह निर्भर रहना होगा. स्पीकर के चुनावों में भी एनडीए में सबसे ज्यादा इन दोनों दलों की भूमिका अहम होगी। वहीं लोकसभा में इंडिया गठबंधन के पास 234 सीटें हैं, जिसमें सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है तो दूसरी बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी. हालांकि इस गठबंधन के पास सरकार को दबाव में लाने के लिए संख्याबल तो है लेकिन इतना पर्याप्त भी नहीं कि वो सरकार के फैसलों को रोक पाए।
स्पीकर के चुनाव में अब सबकी निगाहें एनडीए और इंडिया ब्लाक के अलावा उस तीसरे पक्ष की ओर भी होगी, जो किसी ओर नहीं है वो जिधर जाएंगे, उधर पलड़ा मजबूत हो सकता है और तभी एनडीए सरकार के सीधे ना सही लेकिन अपरोक्ष तौर पर बड़ा झटका भी लग सकता है।
Read Also: गंगा-तीस्ता जल बंटवारे पर CM ममता बनर्जी ने PM को क्यों लिखी चिट्ठी ? जानें
हालांकि इंडिया ब्लॉक के साथ जुड़ी टीएमसी ने स्पीकर पद के विपक्षी उम्मीदवार के. सुरेश की दावेदारी को लेकर कहा है कि उनकी उम्मीदवारी पर हमसे चर्चा नहीं हुई है इस पर अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी लेगी। बहरहाल, अब 26 जून को सदन के अंदर स्पीकर का चुनाव होगा और इस दौरान स्पीकर पद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की रणनीतिक जोर आजमाईश भी जारी रहेगी।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter