सभी सांसद संविधान में दिए गए प्रारूप के अनुसार ही भविष्य में संसद सदस्यता की शपथ लेगे। इसे लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की ओर से नई व्यवस्था की गई है। स्पीकर ने जानकारी दी है कि संसदीय समिति का भी गठन किया जाएगा।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सदन में यह व्यवस्था दे दी है कि सभी सांसद संविधान में दिए गए प्रारूप के अनुसार ही संसद सदस्यता की शपथ लें। उन्होंने भविष्य में शपथ के दौरान सांसदों द्वारा कोई अतिरिक्त शब्दों या नारों का उल्लेख नहीं करने की हिदायत देते हुए इस संबंध में सभी दलों के सांसदों को शामिल कर, एक संसदीय समिति का भी गठन करने की जानकारी दी है।
ओम बिरला ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सदस्यों के शपथ के लिए संविधान में प्रारूप दिया गया है और उसी प्रारूप के अनुसार ही शपथ ग्रहण करना सदस्यों का संवैधानिक दायित्व है। शपथ की अपनी एक शुचिता, मर्यादा और गरिमा है। अतिरिक्त शब्दों और वाक्यों के उल्लेख से संविधान की गरिमा प्रभावित होती है।संसद सदस्य के रूप में हमारा दायित्व है कि हमारे आचरण से संविधान की गरिमा में कमी न हो। यह सदन के लिए चिंता का विषय है।
लोकसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी है कि सभी सदस्य संविधान में दिए गए प्रारूप के अनुसार ही शपथ लेंगे।भविष्य में शपथ के दौरान किसी भी प्रकार के अतिरिक्त शब्दों का उल्लेख नहीं करने की हिदायत देते हुए उन्होंने पूरे सदन से संकल्प लेने का आह्वान भी किया।
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लोकसभा अध्यक्ष ने आगे बताया कि इस संबंध में सभी दलों के सांसदों को शामिल करते हुए संसदीय समिति का भी गठन किया जाएगा। वहीं संसद सदस्यता की शपथ लेते समय कई नवनिर्वाचित सांसदों द्वारा नारेबाजी और अलग-अलग शब्दों का प्रयोग करने के कारण हाल के दिनों में कई बार विवाद खड़ा हो गया था अब इसी को लेकर स्पीकर ओम बिरला की ओर से नई व्यवस्था की गई है।