(प्रदीप कुमार): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में जोधपुर में आज लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर LCH को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल किया गया। खास बात ये है कि भारतीय वायुसेना के पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर, एलसीएच सीमा के करीब जोधपुर में तैनात किए जाएंगे।
नवरात्रि में अष्टमी के दिन प्रचंड एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हुआ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस हेलिकॉप्टर में उड़ान भरी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,”प्रचंड को वायुसेना में शामिल करने के लिए नवरात्रि से अच्छा समय और राजस्थान की धरती से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यह भारत का विजय रथ है। LCH सारी चुनौतियों पर खरा उतरा है। दुश्मनों को आसानी से चकमा दे सकता है। इसके नाम के साथ भले ही लाइट जुड़ा हो, लेकिन इसका काम भारी है।”
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यह हेलिकॉप्टर तपते रेगिस्तान, बर्फीले पहाड़ों समेत हर कंडीशन में दुश्मनों पर हमला करने का माद्दा रखता है। इसकी कैनन से हर मिनट में 750 गोलियां दागी जा सकती हैं। यह एंटी टैंक और हवा में मारने वाली मिसाइलें से भी लैस किया जा सकता है। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सेना को अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर हमला करने वाले हेलिकॉप्टरों की बहुत कमी महसूस हुई थी। यदि उस दौर में ऐसे हेलिकॉप्टर होते तो सेना पहाड़ों की चोटी पर बैठी पाक सेना के बंकरों को उड़ा सकती थी।
LCH के जोधपुर में तैनात करने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन इनमें सबसे प्रमुख है पाकिस्तान बॉर्डर। दरअसल, अमेरिका निर्मित लड़ाकू हेलिकॉप्टर अपाचे की यूनिट कश्मीर क्षेत्र में पठानकोट में तैनात है। वहीं इस साल जून में सेना को मिले हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर की यूनिट को अगले साल की शुरुआत में चीन बॉर्डर के पास तैनात कर दिया जाएगा।
ऐसे में पश्चिमी सीमा राजस्थान पर लड़ाकू हेलिकॉप्टर की कमी महसूस हो रही थी। जोधपुर सबसे पुराना एयरबेस है। इसलिए तय किया गया कि LCH की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात की जाए। राजस्थान में स्क्वाड्रन मिलने के बाद अपाचे और LCH दोनों बॉर्डर को आसानी से कवर कर सकेंगे।
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी CCS ने इसी साल मार्च में 15 स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने को मंजूरी दी गई थी। 3387 करोड़ मे ये हेलीकॉप्टर एचएएल से खरीदे गए हैं। इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए हैं और 5 भारतीय थलसेना के लिए है।