लखनऊ, (आकाश शेखर शर्मा): बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान विधानसभा में बुधवार को अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्या के बीच जबरदस्त तकरार हुई। केशव मौर्य ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को इस बात का दर्द होगा कि सत्ता में नहीं हैं, आगे आने की संभावना भी नहीं है। आप कहते हैं कि सड़क बनवाई, एक्सप्रेस-वे बनवाया, सैफई की जमीन बेच कर बनवाई क्या, इतना सुनते ही केशव के बयान पर अखिलेश तमतमा गए और पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि तुम क्या अपने पिता की जमीन बेचकर बनवा रहे हो। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ।
आपको बता दें कि केशव ने अखिलेश से कहा कि जनता आपको लगातार नकार रही है। 2014, 2017, 2019 और 2022 में नकारा गया। आप घोषणा मंत्री बन गए हैं, अगर आप काम करते, योजना शुरू करते तो उसे पूरा भी करने का साहस रखते लेकिन आपको दर्द है कि केशव केशव प्रसाद मौर्या दोबारा डिप्टी सीएम कैसे बन गए। आप पिछड़ा विरोधी हैं, मैं अगड़ा-पिछड़ा नही मानता, लेकिन आप को दर्द है कि एक पिछड़े वर्ग का नेता दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की सरकार में उप मुख्यमंत्री बन गया।
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वहीं अखिलेश और केशव के बीच तकरार के बाद सीएम योगी ने जवाब दिया। योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को इस तरह से नहीं बोलना चाहिए। आप और हम सब विकास जनता के लिए करते हैं। डिप्टी सीएम सही बोल रहे थे। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, भाषा को लेकर आप असहमति जता सकते है, सदन में तू-तू, मैं-मैं नहीं होना चाहिए। इस भाषा को सदन की प्रोसीडिंग से हटाने की मांग करते हैं। बीच मे रनिंग कमेंट्री और हूटिंग नहीं होना चाहिए। दोनों के सम्मान के लिए जरूरी है कि दोनों एक दूसरे का सम्मान करें।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही खत्म हो गई है। सत्र के दौरान शिवपाल यादव समेत 17 विधायकों ने अपनी सीट बदलने की मांग की थी। आज शिवपाल को छोड़कर 16 विधायकों की जगह बदल दी गई है। तीसरे दिन सबसे ज्यादा प्रश्न लोक निर्माण विभाग, नगर विकास और गन्ना विभाग से संबंधित सदन में उठाए गए।
आपको बता दें कि योगी सरकार 2.0 के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 26 मई यानी गुरुवार को पेश किया जाएगा। इस दौरान वार्षिक बजट 2022-23 आगामी मसौदा 26 मई को सदन में रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष का करीब छह लाख करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद योगी सरकार का यह पहला बजट है, जिसको लेकर जनता को काफी उम्मीदें है। माना जा रहा है कि इस बार के बजट में जनता को बिजली में थोड़ी राहत मिल सकती है।