75 सप्ताह तक चलेगा आजादी का अमृत महोत्सव 

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ से सम्बंधित च्आजादी का अमृत महोत्सवज् कार्यक्रम के राष्ट्रव्यापी आयोजन की आज यहां शुरुआत की और ऐतिहासिक दांडी मार्च की स्मृति में अहमदाबाद से नवसारी के दांडी तक 386 किलोमीटर की पदयात्रा को भी झंडी दिखा कर रवाना किया और

इस मौक़े पर पर आज़ादी के संग्राम की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अपने गौरवशाली अतीत पर गर्व करने वाले भारत की क्षमता और प्रतिभा की गूंज आज हर तरफ है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत एक बार फिर विश्वगुरु बन कर दुनिया को रास्ता दिखाएगा। मोदी ने कहा कि आज हम इतिहास बनते देख रहे हैं और इसका हिस्सा भी बन रहे हैं।

15 अगस्त 2022 को आज़ादी के 75 साल पूरा होने से 75 सप्ताह पूर्व शुरू हुआ अमृत महोत्सव 2023 के 15 अगस्त तक चलेगा।

इसका आयोजन जलियांवाला बाग़, सेल्युलर जेल समेत देश भर में आज़ादी की लड़ाई से जुड़े कई स्थानों पर हो रहा है। वह आज़ादी के संग्राम में आहुति देने वालों को नमन करते हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास गौरवशाली विरासत और गर्व करने वाले अतीत का विशाल भंडार है और साथ ही आज़ाद भारत की गौरवान्वित करने वाली प्रगति भी है।

स्वाभिमान और बलिदान की परम्परा से अगली पीढ़ी को भी अवगत करना है क्योंकि राष्ट्र का भविष्य तभी उज्जवल होता है जब वह अपने अतीत के अनुभवों से जुड़ा रहता है।

उन्होंने आज़ादी की लड़ाई के नायकों पंडित नेहरू, सरदार पटेल आदि के साथ ही साथ कई अन्य का स्मरण किया। मोदी ने कहा कि आज दुनिया के हर मंच पर भारत के क्षमता और प्रतिभा की गूंज है। आज भारत आगे बढ़ रहा है।

कोरोना काल में यह सिद्ध हो गया है, भारत के पास अपना टीका है और यह मानववता को इस महामारी से बाहर निकालने में लगा है। किसी को भी दु:ख नहीं देने वाला भारत सबका दु:ख दूर करने में लगा है।

दुनिया के देश इस पर भरोसा कर रहे हैं। आज़ादी के 75 वें साल के आयोजन के मौक़े पर उन्होंने लोगों, छात्रों,शिक्षण संस्थानों से भी इससे जुडने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

अपने सम्बोधन में दांडी यात्रा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में नमक वफ़ादारी और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

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मोदी ने इससे पहले कार्यक्रम स्थल के निकट स्थित साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा और इसके परिसर में उनके तत्कालीन आवास हृदय कुंज में उनके तैलचित्र पर पारम्परिक रूप से सूत की माला से माल्यार्पण किया।

उन्होंने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि आश्रम आकर वह धन्यता का अनुभव करते हैं, त्याग तपस्या की भावना जागती है और राष्ट्र निर्माण का संकल्प मज़बूत होता है।

महोत्सव के दौरान यहां मुख्य कार्यक्रम में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिसमें देश भर के कलाकारों ने अलग अलग भाषाओं में मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी।

आज़ादी के आंदोलन के दौरान इसका एक प्रमुख केंद्र रहे अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ही गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को ब्रिटिश हूकूमत के नमक क़ानून को तोडऩे ले लिए दक्षिण गुजरात के दांडी तक की यात्रा की थी जो उसी साल छह अप्रैल को पूरी हुई थी।

आश्रम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े राज्य के 6 जिलों में विभिन्न 75 स्थलों पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

गुजरात में महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि और स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र रहे अहमदाबाद से प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव की औपचारिक शुरुआत कराई।

राजकोट, मांडवी (कच्छ), पोरबंदर, वडोदरा, बारडोली (सूरत) और दांडी (नवसारी) जैसे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े चिरस्मरणीय स्थलों पर देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इसके अलावा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, साइकिल-बाइक रैली, पदयात्रा, वृक्षारोपण और क्राफ्ट बाजार जैसे रचनात्मक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

 

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