दिल्ली। राज्यसभा में कृषि बिल पास होने से नाराज विपक्षी दलों ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। रविवार को कृषि विधेयकों पर सदन में विपक्ष ने खूब हंगामा किया। वहीं कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा कि उपसभापति के रवैये ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है। बिल पास होने के बाद सदन से बाहर आए कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने इस दिन को काला दिन करार दिया है।
आपको बता दें, सड़क से लेकर संसद तक किसानों से जुड़े कृषि बिल को लेकर हंगामा मचा हुआ है। विपक्षी सांसदों के जोरदार हंगामे के बीच राज्यसभा में भी दोनों कृषि बिल पास हो गए हैं। जिससे नाराज विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।
कृषि बिल पास होने के बाद सदन से बाहर आए कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा कि “राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उनके रवैये ने आज लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि उप सभापति हरवंश के इस रवैये को देखते हुए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।”
राज्यसभा में रविवार को इससे पहले कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी मिल गई। कृषि बिल के ध्वनिमत से पारित होने से पहले इन पर सदन में विपक्ष ने खूब हंगामा किया। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल तक पहुंच गए। कोविड-19 के खतरे को भुलाते हुए धक्का-मुक्की तक हुई। राज्यसभा में कृषि बिल पास होने पर आज के दिन को विपक्ष ने ‘काला दिन’ बताया है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया है।
इसके दूसरी तरफ बीजेपी विपक्ष पर ही हावी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कृषि विधेयक पास होने पर कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों को पिछले 70 सालों के अन्याय से मुक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के हंगामें पर कहा कि विपक्षी दल किसान विरोधी हैं। विपक्षी दलों ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाय, किसानों की मुक्ति को रोकने का प्रयास किया है और बीजेपी उनकी हरकतों की निंदा करती है।”